सुयश शर्मा को आईपीएल 2023 में टीम कोलकाता नाइट राइडर्स यानी केकेआर की ओर से पहली बार खेलने का मौका मिला। 19 साल के शर्मा ने इससे पहले लिस्ट ए, फर्स्ट क्लास या टी 20 का कोई भी मैच नहीं खेला था। लेकिन, पहले ही मैच में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के तीन खिलाड़ियों को पैवेलियन लौटा कर वह चमक गए।
कोच की कोशिशें सफल हुईं तो उसमें नई बाधा आ गई
सुयश की कहानी बड़ी दिलचस्प है। पहले तो इनका किसी टीम में सिलेक्शन नहीं हो रहा था। कोच ने काफी हाथ-पैर मारे और चयन हुआ तो पता चला कि बर्थ सर्टिफिकेट ही नहीं है।
कोच के नहीं रहने से उम्मीदें टूट गई थीं
सुयश शर्मा के कोच सुरेश बत्रा को मई 2021 में कोरोना ने छीन लिया था। सुयश को लगातार दिल्ली डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन से नजरअंदाज किया जाता रहा और किसी टीम में मौका नहीं मिला। जब कोच भी नहीं रहे तो परिवार की रही-सही उम्मीदें भी टूट गईं। ऐसे में करतार नाथ ने उनकी बड़ी मदद की।
देना बैंक की ओर से खेलने का मौका मिला, लेकिन कोविड में बंद हो गया
कोच करतार नाथ ने उन्हें देना बैंक की ओर से क्रिकेट खेलने का मौका दिलाया। वहां से मिलने वाले स्टाइपेंड से घर का खर्च चलता था। लेकिन, कोरोना में वह बंद हो गया।
कोरोना काल में कोच के निधन के बाद सुयश के परिवार की आर्थिक हालत बहुत खराब हो गई थी। तब दिल्ली के कोच रणधीर सिंंह ने उन्हें डीडीसीए लीग में मद्रास क्लब से खेलने का मौका दिया था। हालांकि, वहां से कोई पैसे नहीं मिलते थे। इसी बीच, उनके पिता को कैंसर हो गया।
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इस दौरान, एक अच्छी बात यह हुई कि उन्होंने आईपीएल की टीम केकेआर के लिए ट्रायल दिया और केकेआर ने सुयश को 20 लाख में खरीद लिया।
पूर्व फर्स्ट क्लास क्रिकेटर और सुरेश बत्रा के दोस्त करतार नाथ ने सुयश के पहले आईपीएल मैच के बाद मीडिया को उनके संघर्षों के बारे में बताया था।
मां से आग्रह किया कि बेटे को दो साल और दीजिए
उन्होंने कहा था- साफ कहें तो सुयश का कॅरिअर थमा पड़ा था। बत्रा जी की मौत (2021) के बाद परिवार ने उम्मीदें भी छोड़ दी थी। एक दिन एकेडमी में सुयश मेरे पास आया और कहा- सर मम्मी बात करना चाहती हैंं। उसकी मां चाहती थीं कि बेटा क्रिकेट खेलना बंद कर दे। मैंने उनसे आग्रह किया कि आप अपने बेटे को 2 साल और दीजिए। अगर तब तक कुछ नहीं हुआ तो मैं खुद उसे घर छोड़ जाऊंगा।
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करतार नाथ ने बताया कि वह सुयश के लिए अपने दोस्त सुरेश बत्रा की खातिर लड़ रहे थे। सुरेश बत्रा ने सुरेश को 2016 में देखा था और तुरंत करतार नाथ को फोन कर कहा था कि क्या गुगली है इस बच्चे की। इसके बाद उसे ट्रायल के लिए बुलाया गया। लड़के में वाकई आग थी। ऐसी आग सालों पहले उन्होंने विराट कोहली की बैटिंंग में देखी थी।
विराट की ही तरह सुयश को भी एक समस्या से दो-चार होना पड़ रहा था। वह क्रिकेट की प्रैक्टिस तो खूब कर रहा था लेकिन दिल्ली टीम में सेलेक्ट नहीं हो रहा था। उसे लगातार नजरअंदाज किया जा रहा था। विराट के लिए भी सुरेश बत्रा ने लड़ाई लड़ी थी जब उसे अंडर 14 टीम में नहीं लिया गया था।
2019 में एक बार फिर सुरेश बत्रा गुस्साए हुए थे, क्योंकि अंडर-19 ट्रायल के लिए भी सुयश को नहीं बुलाया गया था। सिलेक्टर्स से काफी मिन्नतें की। जब उसका टीम के लिए चयन हुआ तो पता चला कि उसके पास जन्म प्रमाण पत्र ही नहीं है। फिर तो सुरेश और करतार को बहुत गुस्सा आया था।
सुयश के माता-पिता ने कहा कि हमने ऐसा कभी नहीं सोचा था कि वह दिल्ली की ओर से क्रिकेट खेलेगा, इसलिए बर्थ सर्टिफिकेट की चिंता कभी की ही नहीं। 2019 में जब कहीं कुछ नहीं हो रहा था तो सुयश ने सिर मुंंडवा कर प्रण लिया था कि अब कुछ करके ही कटाऊंगा ये बाल। जब केकेआर से कॉल आई तो करतार नाथ ने सुयश से मजाक किया- अब रहने दे ये बाल, अच्छे लग रहे हैं।