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जान‍िए, गरीबी के द‍िनों में कैसे शोएब अख्‍तर ने क‍िया था डेढ़ साल तक मुफ्त में जूस पीने का इंतजाम 

पाक‍िस्‍तान के तेज गेंदबाज रहे शोएब अख्‍तर बड़े गरीब घर से थे। पर‍िवार में चार भाई के बाद वह पैदा हुए थे और उनके बाद एक बहन भी थी। एक छोटे से कमरे और बरामदा वाले घर में पूरा पर‍िवार रहता था। लेक‍िन, शोएब के मन में बचपन से ही स्‍टार क्र‍िकेटर बनने का जुनून सवार था। इस हद तक क‍ि लोग उन्‍हें पागल भी कह देते थे।

औरतें पूछा करतीं क‍ि कहां जा रहा है तो शोएब कहते- स्‍टार बनने

स्‍कूल से घर लौटते थे और फ‍िर तपती दोपहरी में जब वह क्र‍िकेट की प्रैक्‍ट‍िस करने या दौड़ लगाने जाते थे तो मोहल्‍ले की औरतें उन्‍हें पगला कहती थीं। औरतें पूछा करतीं क‍ि कहां जा रहा है तो शोएब कहते- एक द‍िन स्‍टार बनना है, इसल‍िए जा रहा हूं। इस पर औरतें कहतीं क‍ि देख पगले को। द‍िसंबर की सर्दी में सुबह चार बजे और मई-जून की गर्मी में दोपहर दो बजे शोएब एक ही रफ्तार से दौड़ते थे।

दुकानदार से बोले- स्‍टार बनने के बाद मैं तुम्‍हें मशीन खरीद कर दूंगा

शोएब को गन्‍ने का जूस बेहद पसंद था। पिंडी में जहां वह प्रैक्‍ट‍िस करने जाते थे, एक शख्‍स गन्‍ने की जूस बेचता था। शोएब ने उनसे दोस्‍ती करने की कोश‍िश की, ताक‍ि वह पचास पैसे में उन्‍हें जूस प‍िला द‍िया करे। शोएब ने जूस वाले से कहा- अगर तुम मुझे रोज मुफ्त जूस प‍िलाओ तो स्‍टार बनने के बाद मैं तुम्‍हें गन्‍ने की जूस न‍िकालने वाली मशीन खरीद कर दूंगा। जूस वाले ने भी उन्‍हें पागल कह कर टाल द‍िया। लेक‍िन, शोएब सीर‍ियस थे। उन्‍होंने कोश‍िश जारी रखी।
तीन द‍िनों की कोश‍िश के बाद जूस वाले ने शोएब से पूछा- क्‍या तुम सच में एक द‍िन स्‍टार क्र‍िकेटर बनोगे? शोएब ने कहा- जरूर बनूंगा। फ‍िर साल-डेढ़ साल तक वह शोएब को जूस प‍िलाता रहा। उसका नाम तार‍िक था।

जब शोएब सच में स्‍टार बन गए तब भी वह जूस वाले को भूले नहीं। वह अपना वादा पूरा करने गए, लेक‍िन तब तक जूस वाले की मौत हो गई थी। फ‍िर शोएब ने उसके पर‍िवार का ख्‍याल रखना शुरू क‍िया। उनके ल‍िए एक दुकान खुलवाई।

ट्रायल देने जा रहे थे तो पैसे नहीं थे, कंडक्‍टर से दोस्‍ती करके लाहौर पहुंचे

जब ट्रायल देने वह लाहौर जा रहे थे तो पैसे नहीं थे। कंडक्‍टर से दोस्‍ती करके क‍िसी तरह लाहौर पहुंचे। फ‍िर तांगे वाले से दोस्‍ती की और उस ग्राउंड तक पहुंचे जहां ट्रायल हो रहा था। शोएब का कहना है क‍ि पाक‍िस्‍तान के लोगों में इंसान‍ियत और मुहब्‍बत भरी हुई है। एक इंटरव्‍यू में उन्‍होंने कहा क‍ि अगर आप सामने वाले से कह दें क‍ि आपके पास पैसे नहीं हैं तो वहां कोई आपसे पैसे नहीं मांगेगा।

पेशावर में अगर आप क‍िसी झोपड़ी में घुस जाएं और कह दें क‍ि भूख लगी है तो वह क‍िसी भी तरह आपके ल‍िए बकरे का इंतजाम करके ख‍िला कर ही मानेंगे। शोएब अख्‍तर ने 21.5 साल की उम्र में डेब्‍यू क‍िया था। उनका मानना था क‍ि डेब्‍यू में उन्‍हें चार साल की देर हो गई।
वेंकट नटराजन खेल पत्रकार हैं। क्रिकेट में इनकी ना केवल रुचि है, बल्कि यह क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी भी रह चुके हैं। क्रिकेट से जुड़े क़िस्से लिखने के अलावा वेंकट क्रिकेट Match Live Update, Cricket News in Hindi कवर करने में भी माहिर हैं।