बेटी का जन्म इंग्लैंड में हुआ था, पहली बार उस छोड़कर इंडिया लौटे तो आंख से आंसू निकल आए, भावुक हरभजन ने बताया पिता का दर्द
पहले की लाइफ अलग तरह की होती थी, वह अपने तरीके वाली मस्ती वाली लाइफ होती थी, लेकिन शादी हो जाती है तो जिम्मेदारी अलग तरह की हो जाती है। जब बच्चा सामने होता है तो वह कुछ और हो जाता है। जब मैं इंग्लैंड में था, मेरी बेटी वहां पैदा हुई, क्योंकि पत्नी गीता इंग्लैंड की है और मैं पहली बार बच्ची को छोड़कर वहां से घर आया तो मेरे आंखों से आंसू निकल आए। मैं देख रहा था कि ऐसा कैसे हो गया।
यहां तो मैं जब 14-15 साल का था तब मैं पहली बार घर छोड़ा था, मेरी मां रोई थी तो मैं रोया था। यहां पर जब बच्ची को छोड़कर जा रहे थे तब मैं सोचा ऐसा कैसे हो गया। इट इज अनविलिवेबल। आज मैं 13-14 साल से बाहर हूं। लेकिन कभी रोना नहीं निकला। मैं तो जब घर छोड़ा तो मेरी तो पांच बहने थीं, मैं अकेला। मदर-फादर जब मुझे चंडीगढ़ छोड़कर आए तो वे रो रहे थे तो उनको देखकर मैं रो रहा था।
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हरभजन ने एक पॉडकॉस्ट इंटरव्यू में बताया कि उनकी बेटी एक वर्ष की उम्र में ही तैराकी करने लगी है। बताया कि उनकी बेटी कुदरती तैराक है। वह पानी में बिना कुछ सिखाए ही तैर लेती है। क्या गजब का हाथ-पांव चलाती है। बेटी की यह प्रतिभा जबर्दस्त है।
हरभजन ने इंटरव्यू में पाकिस्तान को लेकर भी बातें की। कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच मैच होता है तो रिश्तों में गर्माहट होती है। कहा कि भारत और पाकिस्तान के प्लेयरों में आपस में काफी लगाव और प्यार है। हमें सियासी बातें नहीं करनी चाहिए। हम सिर्फ खिलाड़ी हैं। वे बातें उनके लिए छोड़ दें। इसमें हमें नहीं इनवाल्व होना चाहिए। तब हम अच्छा खेल पाएंगे। हम खेलने के लिए बनें हैं।
हरभजन ने कहा कि मैदान के अलावा जब दोनों देशों के खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम में मिलते हैं तो वे एक-दूसरे के काफी नजदीक होते हैं और उनके बीच संबंध बहुत गहरा होता है। मैदान में हम दो देश होते हैं, लेकिन ड्रेसिंग रूम में हम परिवार की तरह रहते हैं। इस बात को हमें समझना होगा। तभी हम अच्चे से रह पाएंगे।