Yuvraj Singh and Mahi: युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी के बीच बहुत अच्छे संबंध रहे हैं। युवराज सिंह लंबे समय तक उनके साथ क्रिकेट खेले भी हैं। युवराज के बारे में माना जाता है कि वह बहुत जीवट और हिम्मती इंसान हैं। अपने क्रिकेट खेल के दौरान ही उनको कैंसर जैसी घातक बीमारी हो गई थी। इसके बावजूद उन्होंने न केवल क्रिकेट खेला, बल्कि कैंसर से भी सफलतापूर्वक लड़ाई लड़ी और उसको पराजित किया। युवराज ने अपने संघर्ष को लेकर एक किताब भी लिखी है। उस किताब की लांचिंग के दौरान टीम इंडिया के कई क्रिकेटर वहां मौजूद रहे।
इस मौके पर तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने एक किस्सा शेयर किया। उन्होंने कहा कि शुरू में युवराज गुस्सा बहुत करते थे। माही ने एक दिन उनसे इसकी वजह पूछी। उन्होंने कहा, “युवी आप ये जो गुस्सा होते हैं, आप सही में गुस्सा होते है क्या? जवाब में युवी ने कहा, “ओए बिहारी, ये तो मैं मजाक करता रहता हूं… इसे गंभीरता से मत लेना।”
Yuvraj Singh and Mahi: माही बोले- “आज के बाद अगर तुम सच में भी मुझसे गुस्सा होओगे, तब भी मैं इसे गंभीरता से नहीं लूंगा।”
माही बोले- “आज के बाद अगर तुम सच में भी मुझसे गुस्सा होओगे, तब भी मैं इसे गंभीरता से नहीं लूंगा।” माही बोले-कभी तो ऐसा लगता था कि युवी मजाक कर रहा है, लेकिन ये ऐसी एक्टिंग करता था मानो ये बहुत सीरियस है.. तो इसने मुझे बोला ये अंडर-19 क्रिकेट नहीं है…ठीक है थोड़ा संभलकर खेलना… मैं डर गया था उस वक्त”
उन्होंने कहा, “थोड़ा टाइम होने दे, प्रेशर पड़ेगा ना तब पता चलेगा कि छक्के मारने से नहीं, मैच जीतने से ज्यादा तारीफ मिलती है। ये काफी स्ट्रांग है और ये मेरी पिटाई भी कर सकता है… इस तरह का रिश्ता है। जिसकी शुरुआत अच्छी दोस्ती से हुई। हम अलग-अलग नंबर पर बैटिंग करते थे, लेकिन 2005 के पाकिस्तान टूर के बाद मैं 5 या 6 नंबर पर बैटिंग करने लगा और इस वजह से युवी और मेरे बीच ज्यादा समझदारी होने लगी और हमारा रिश्ता और गहरा होता गया।”
धोनी ने कहा कि 2005 से लेकर अब तक दो तीन बार ऐसा हुआ जब ये वाकई में गुस्सा हो गया था और मैंने बोला चल-चल मजाक कर रहा था। उन्होंने कहा कि युवी हमारे लिए हमेशा तुरुप का इक्का रहा है। वह ऐसा खिलाड़ी है, जो ना सिर्फ अपनी बैटिंग और फिल्डिंग से बल्कि अपनी बॉलिंग से भी गेम का रुख बदल सकता था। तो मुझे एक ऐसा खिलाड़ी मिल गया जो बड़े मैच को बहुत ज्यादा पसंद करता था। जितना बड़ा विपक्षी दल हो युवी के लिए परफॉर्म करना उतना आसान होता था। तो मुझे लगता है कि ये परफेक्ट खिलाड़ी है।
युवराज सिंह के कैंसर की बीमारी होने के बारे में उन्होंने कहा- “मुझे काफी पहले पता चला था। मुझे नहीं लगता कि शायद युवी को भी ये तब पता रहा होगा… लेकिन ये मेरे लिए एक सदमे की तरह था… वो इंसान जिसने मुझे बताया मैंने उससे पूछा कि क्या ये सच है तो उन्होंने कहा कि हां रिपोर्ट में यही लिखा है। ये मेरे लिए एक धक्का था, लेकिन मुझे पता था कि युवराज एक ऐसे शख्स हैं, जो काफी स्ट्रॉन्ग हैं।”
इस कार्यक्रम में युवराज सिंह बोले- आज तो मैंने छोड़ दिया है इनको, बहुत सी बातें मैंने इसके बारे में बोली नहीं है… अब ये इंडिया का कैप्टन है, थोड़ा संभलना पड़ता है।