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आज की तरह तब 15 लोगों का सपोर्टिंग स्टाफ नहीं होता था, कपिल देव ने बताया फीजियो और ट्रेनर का किस्सा

1983 World Cup | Indian Team, Cricketer History

1983 में इंग्लैंड के ऐतिहासिक लॉर्ड्स के मैदान पर वहां के राजा से विश्व कप की ट्रॉफी लेते हुए कप्तान कपिल देव। (फोटो- 1983 विश्वकप फेसबुल एलबम)

आज के समय में जब राष्ट्रीय टीम के साथ खिलाड़ियों और मैनेजर के अलावा खिलाड़ियों के शारीरिक, मानसिक फिटनेस के लिए 15-20 लोगों का पूरा सपोर्टिंग स्टाफ चलता है, जिसमें डॉक्टर, फीजियो, ट्रेनर के अलावा कई अन्य लोग होते हैं, तब पुराने खिलाड़ियों को बड़ा अजीब लगता है।

पहले खिलाड़ियों को इतने पैसे भी कम मिलते थे

उनके जमाने में खिलाड़ियों और मैनेजर के अलावा कोई अन्य साथ में नहीं जाता था। तब पैसे भी इतने नहीं होते थे। खिलाड़ियों को इतने ईनाम भी नहीं मिलते थे।

पुराने खिलाड़ी इस व्यवस्था पर ही ताज्जुब जताते हैं

क्रिकेट डायरी कार्यक्रम में 1983 विश्व कप विजेता भारतीय टीम के कप्तान रहे कपिल देव और खिलाड़ी के. श्रीकांत और मदन लाल इस पर ताज्जुब जताते हैं। श्रीकांत तो कहते हैं कि वे नहीं जानते हैं कि यह क्या होता है।

श्रीकांत बोले- आज खिलाड़ी 12, सपोर्ट स्टाफ 20 लोग

कार्यक्रम में श्रीकांत ने कहा- ये सपोर्ट स्टाफ की बातें फालतू हैं। आज खिलाड़ी 12 हैं और सपोर्ट स्टाफ 20, कितनी बार कपिल देव अनफिट हुआ, बोलो एक बार भी नहीं, कितनी बार मदन लाल अनफिट हुआ, एक बार भी श्रीकांत अनफिट नहीं हुआ। एक बार भी सुनील गावस्कर अनफिट नहीं हुआ। क्या हमने एक्सरसाइज की थी।

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वे बोले कि कुछ नहीं, कोई ट्रेनिंग नहीं, कुछ भी नहीं। मैं कुछ नहीं जानता सपोर्ट स्टाफ के बारे में। मुझे सच्ची में नहीं मालूम सपोर्ट स्टाफ, कपिल क्या आपको मालूम है इसके बारे में। कपिल देव ने कहा आप अपनी बात खत्म तो करो। मदन लाल ने कहा कि बात खत्म करो। कपिल ने कहा- ठीक है क्या अब हम बोल सकते हैं ?

कपिल देव ने कहा कि ऐसा है कि हमारे पास नहीं था तो हम उसका महत्व नहीं जानते हैं। हमें उसकी वैल्यू नहीं पता, राइट। और जब कैलकुलेटर नहीं था, तो भी हम हिसाब-किताब करते थे। जब हमारे पास नहीं था तब चीका हमारे लिये करता था। हम लोग खुद ही अपने डॉक्टर बन जाते थे और खुद ही अपने फीजियो बन जाते थे।

कपिल बोले और मेरे को अगर चोट लग जाती थी तो कोई प्लेयर आकर हेल्प कर जाता था। अब जब 15-15 लोग हैं तो हम श्रीकांत से सहमत हैं। अगर आपके साथ 15-15 लोग चलते हैं तो मैं कन्फ्यूज्ड हो जाऊंगा अगर मैं मैनेजर भी रहूं तो कन्फ्यूज्ड हो जाऊंगा। तो हमने वैसी क्रिकेट खेली नहीं है तो हमें पता नहीं है। आयडिया नहीं है तो हमें अजीब सा लगता है।

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