जब सचिन तेंदुलकर पहली बार मैच खेलने पाकिस्तान गए थे तो पाकिस्तानी टीम के क्रिकेटर वसीम अकरम उनका मजाक उड़ा रहे थे। लेकिन, वसीम को जल्द ही सचिन के हुनर का अहसास हो गया और वह समझ गए कि भविष्य में यह लड़का क्रिकेट में बहुत आगे जाएगा।
सचिन जब अपना पहला टेस्ट मैच खेलने गए थे तो उनकी उम्र महज 16 साल थी। अकरम को पता चला कोई 15-16 साल का लड़का खेलने आया है और बहुत टैलेंटेड है। जब अकरम ने सचिन को देखा तो वो उन्हें 12 साल का लगे। वसीम ने सचिन से पूछा- घर से छुट्टी लेकर आया है बेटा! मां को बताकर आया है कि मैच खेलने जा रहा हूं! सचिन चुप रह गए। उस मैच में उनका बल्ला भी नहीं बोल सका।
फिर सियालकोट टेस्ट में मैच के दौरान वसीम ने सचिन को पहला बाउंसर दिया, जो उनकी गाल पर लगा। सचिन का गाल हल्का सा कट गया। खून निकल रहा था, पर सचिन मैदान छोड़ने को तैयार नहीं थे। पट्टी करा कर वह मैदान पर फिर से वापस आ गए और अर्धशतक लगाया। तभी वसीम को सचिन की असली ताकत पता चल गई।
वसीम ने एक इंटरव्यू में माना कि एक बॉलर होने के नाते तभी मुझे दिख गया था कि ये बच्चा बहुत आगे जाएगा। बाद में वसीम के लिए सचिन को बोलिंंग करना कभी आसान नहींं रहा। वह बताते हैं कि सचिन को बोलिंग करने में सोचना पड़ता था, क्योंकि सचिन के पास हर तरह के बॉल का जवाब होता था।
वसीम अकरम पहले ऐसे बॉलर हैं जिन्होंने वन डे इंटरनेशनल क्रिकेट में 500 विकेट लिए। वसीम पाकिस्तानी क्रिकेटर इमरान खान को कॉपी करते थे। अगर इमरान बाल लंबे रखते थे तो वसीम भी बाल बड़े कर लेते थे। इमरान अपने बाल छोटे कराते थे तो वसीम भी वैसा ही करा लेते थे। सुनील गावस्कर को आउट करना वसीम का सपना हुआ करता था। उन्हें वह तीन-चार साल में एक बार ही आउट कर पाए थे।
स्वस्थ्य स्पोर्ट्समैन होने के बावजूद वसीम अकरम डायबिटीज के मरीज बन गए। वह भी केवल 30 वर्ष की उम्र में। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वसीम कमेंटेटर और आईपीएल टीम कोलकाता नाईट राइडर्स के कोच भी बने। उन्हें सबसे तेज गेंदबाज के रूप में भी जाना जाता है। वह बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं। उनका जन्म 3 जून 1966 को अमृतसर में हुआ था। 1947 के बंटवारे के बाद उनका परिवार पाकिस्तान के पंजाब शिफ्ट हो गया था। अकरम चार भाई-बहन थे। अकरम की शादी 1995 में हुमा मुफ़्ती से हुई। उनके दो बच्चे हैं।