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‘ड्रिंक करते हो, स्मोक करते हो’ वसीम अकरम ने पूछा- जहीर बोले- नहीं, वसीम ने क्यों कहा कैसे बनोगे फास्ट बॉलर?

Sourav Ganguly | Wasim Akram | Zaheer Khan |

सौरव गांगुली, वसीम अकरम और जहीर खान। (फोटो- फेसबुक)

पाकिस्तान के तेज गेंदबाज वसीम अकरम और भारतीय खिलाड़ी सौरव गांगुली के बीच आपसी संबंध बहुत अच्छे रहे हैं। दोनों एक-दूसरे को काफी पसंद करते थे। गांगुली अपनी ऑटोबॉयग्राफी में एक मजेदार घटना का जिक्र करते हैं। वे बताते हैं कि एक बार मैं चैम्पियंस ट्रॉफी के दौरान जहीर खान को नैरोबी में वसीम से मिलवाने ले गया था।

गांगुली का वसीम के साथ अच्छी ट्यूनिंग थी

वसीम ने अपने चिरपरिचित अंदाज में पूछा, ‘क्या तुम ड्रिंक करते हो?’ जहीर ने कहा, ‘नहीं।’ ‘स्मोक करते हो?’ जहीर ने फिर सिर हिलाकर कहा नहीं, तब वसीम तेज आवाज में पूछा, “जब ड्रिंक नहीं करते हो, स्मोक नहीं करते हो तो तुम तेज गेंदबाज कैसे बनोगे?” हम जोर से हंस पड़े। बहरहाल हमने किसी तरह एडीलेड में अपना पहला टेस्ट मैच खेलने से पहले इरफान पठान को सलाह देने के लिए वसीम अकरम को तैयार कर लिया। साथ ही कोलकाता नाइटराइडर्स के बॉलिंग सलाहकार के तौर पर वसीम को जोड़ लिया।

जावेद मियांदाद के खिलाफ खेलने की सौरव की इच्छा कभी पूरी नहीं हो सकी

पाकिस्तान के एक और लीजेंड जावेद मियांदाद के खिलाफ खेलने का अवसर नहीं मिल पाने को सौरव गांगुली बहुत मिस करते हैं। वे बताते हैं कि यह एक संयोग था कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सही तरीके से जिस साल मेरी एंट्री हुई संयोग से उसी साल विश्व कप 1996 के बाद जावेद मियांदाद क्रिकेट से संन्यास ले लिये। बेशक हमने उनके साथ खेल चुके कुछ लोगों से उनकी मजेदार बातें सुनी थी। उनका मजाक बहुत ही विचित्र होता था। मुझे उनके साथ एक आनंदपूर्ण मुलाकात याद है।

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मैं कराची में एक दिवसीय सीरीज खेल रहा था। पाकिस्तान 349 का एक बड़े स्कोर का पीछा कर रहा था। इंजमाम ने एक शानदार शतक लगाया और वे अंततः 344 पर आ गए। मियांदाद उनके कोच थे। वह मैच में इतना मशगूल हो गये थे कि अंतिम कुछ ओवरों में वह ड्रेसिंग रूम की बालकनी में दिखाई दिये। वहां से चिल्लाकर अपने बल्लेबाजों को हिदायतें दे रहे थे। इंजमाम अकेले संघर्ष कर रहे थे। मोईन खान उनका साथ दे रहे थे।

मियांदाद बालकनी से चिल्लाते रहे। वह मोइन को दिखा रहे थे कि बाल को किधर मारना है। मोईन ने उस समय 16 रन बनाए थे जब हर रन की कीमत 50 थी। मैंने मियांदाद के हाथ के इशारों का पालन करना शुरू कर दिया और अपने फिल्डरों को ठीक उसी जगह लगाना शुरू कर दिया, जिधर पाकिस्तानी खिलाड़ी रन बना रहे थे।

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