Virender Sehwag : टीम इंडिया के पूर्व ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने एक हालिया इंटरव्यू में दो बातें बताईं। एक तो यह कि उन्होंने कोच बनने के लिए अप्लाई अपनी मर्जी से नहीं किया था। और, दूसरी यह कि उन्हें कप्तान बनाने का वादा किया गया था, लेकिन टीम से ही बाहर कर दिया गया।
सहवाग ने बताया है कि 2017 में उन्होंने कोच बनने के लिए अप्लाई तभी किया था जब विराट कोहली और अमिताभ चौधरी ने उनसे ऐसा करने के लिए कहा था। टीवी चैनल न्यूज़ 18 के एक कार्यक्रम में सहवाग ने बताया कि तब के बीसीसीआई सचिव अमिताभ चौधरी ने मुलाकात में उनसे कहा था कि अनिल कुंबले और विराट कोहली के बीच बन नहीं रही, इसलिए हम चाहते हैं कि आप कोच बनेंं।
सहवाग ने बताया कि अमिताभ ने उनसे कहा था कि 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी के बाद कुंबले का करार खत्म हो जाएगा। फिर आप टीम के साथ वेस्टइंडीज जाएंगे। सहवाग ने इसी कार्यक्रम में यह खुलासा भी किया कि जब ग्रेग चैपल टीम इंडिया के हेड कोच बने थे तो उन्होंने वादा किया था कि वह सहवाग को अगला कप्तान बनाएंगे। हालांकि यह वादा पूरा नहीं हो सका।
सहवाग ने बताया कि ग्रेग चैपल जब कोच बने तो उन्होंने पहली बात यही कही थी कि टीम इंडिया के अगले कप्तान वीरेंद्र सहवाग होंगे। लेकिन, पता नहीं केवल दो महीने में ही क्या हो गया मुझे टीम से ही बाहर कर दिया गया। कप्तान बनाने की तो बात छोड़िए।
सहवाग ने कहा कि उन्हें कप्तान नहीं बन पाने का कोई मलाल नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने जो हासिल किया उससे मैं खुश हूं। नजफगढ़ के एक छोटे से किसान परिवार से आकर मैंने टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका पाया और लोगों का इतना प्यार पाया। अगर मैं कप्तान भी बन जाता तो मुझे लोगों का उतना ही प्यार मिलता।
विदेशी कोच के बारे में वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि मैं हमेशा अपने देश में यकीन करता हूं। हमारे देश में अच्छे कोच हैं जो भारतीय टीम को मैनेज कर सकते हैं। हमें विदेश से कोच लाने की जरूरत नहीं है।
वीरेंद्र सहवाग बोले- जब मैं खेल रहा था तो अपने सीनियर्स से यह सवाल पूछता था कि हमें जॉन राइट के बाद विदेशी कोच क्यों चाहिए? सभी यही कहते थे कि भारतीय कोच खिलाड़ियों के प्रति पक्षपात करते हैं, जबकि विदेश से आने वाले कोच का नजरिया अलग रहता है। टीम मैनेजमेंट के लिहाज से सहवाग ने गैरी क्रिस्टन को सबसे अच्छा कोच बताया।