भारतीय क्रिकेट के लिए आज का दिन बहुत यादगार है। आज ही के दिन भारत को अपने न सिर्फ तीन सबसे बड़े बल्लेबाज मिले थे बल्कि भारतीय क्रिकेट की दशा और दिशा बदलने वाले कप्तान भी मिले थे। जिन्होंने भारतीय क्रिकेट की तस्वीर बदल कर रख दी। आज ही के दिन साल 1996 में भारत (India) के लिए लॉर्ड्स (Lord’s) टेस्ट में सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने अपना टेस्ट डेब्यू किया था। जबकि साल 2011 में विराट कोहली (Virat Kohli) ने वेस्टइंडीज (Westindies) के खिलाफ केनसिंगटन ओवल (Kensington Oval) में अपना डेब्यू किया था।
अपने डेब्यू के बाद इन बल्लेबाजों ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ को इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के दूसरे टेस्ट में डेब्यू करने का मौका मिला था। सौरव और राहुल को संजय मांजरेकर (Sanjay Manjerekar) और सुनील जोशी (Sunil Joshi) की जगह पर मौका दिया गया था। सौरव और राहुल ने पहले ही टेस्ट में ऐसी कमाल की बल्लेबाजी की जिसके बाद उनकी टीम में जगह पक्की हो गई।
तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट मैच हारने के बाद भारतीय टीम के ऊपर काफी दबाव था। दूसरे मैच में इंग्लैंड (England) ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। लेकिन जवागल श्रीनाथ (Javagal Srinath) की गेंद पर माइकल एथर्टन (Michael Atherton) एलबीडब्ल्यू आउट हो गए। भारत ने इंग्लैंड के टॉप और मिडल ऑर्डर को जल्दी ही निपटा दिया लेकिन जैक रसेल के शतक और ग्राहम थोरपे के अर्धशतक की बदौलत इंग्लैंड पहली पारी में 344 रन बनाने में कामयाब हो गई।
भारत की सलामी जोड़ी अच्छी शुरुआत देने में नाकाम रही। टीम के बड़े बल्लेबाज सचिन और अजहरूदीन भी बड़ी पारी खेलने में सफल नहीं हुए। भारत के विकेट जल्दी गिर गए थे लेकिन फिर दो डेब्यूटेंट ने अपनी दृढ़ता और साहस से भारत की मैच में वापसी कराई। सौरव ने शतक जमाया तो वहीं राहुल द्रविड़ शतक मारने से केवल 5 रनों से चूक गए। द्रविड 95 रन बनाकर लेविस का शिकार हो गए। इन दोनों बल्लेबाजों की बदौलत भारत ने इंग्लैंड पर 85 रनों की बढ़त बना ली।
इंग्लैंड की दूसरी पारी में भी कोई बल्लेबाज ज्यादा देर तक नहीं टिक सका। सभी बल्लेबाजों को शुरुआत तो मिली लेकिन वो उसको बड़ी पारी में तब्दील करने में असमर्थ रहे। हालांकि एलेक स्टीवर्ट (Alec Stewart) ने पचासा मारा। इंग्लैंड ने अपनी पारी 9 विकेट के नुकसान पर 278 रनों पर घोषित कर दी। बारिश की वजह से भारत को दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला और ये मैच ड्रॉ हो गया।
राहुल और सौरव के डेब्यू के ठीक 15 साल बाद जब भारत को उनकी ही तरह एक आक्रामक कप्तान और बल्लेबाज की जरूरत थी तब विराट कोहली ने अपना डेब्यू किया। हालांकि कोहली अपने डेब्यू मैच में कुछ खास नहीं कर पाए थे। कोहली अपनी पहली पारी में 0 पर आउट हो गए थे जबकि दूसरी पारी में मात्र 27 रनों का योगदान दिया था। कोहली को भी इन्ही बल्लेबाजों की तरह सीरीज के दूसरे मैच में डेब्यू करने का मौका मिला था। भारत ने 3 मैचों की ये सीरीज 1–0 से अपने नाम की थी। उसके बाद से कोहली ने टेस्ट में 109 मैचों की 185 पारियों में 48.72 की औसत से 8479 रन बनाए है।