Virat Kohli on Sachin Tendulkar: 1992 से हर वर्ल्ड कप में टीम का हिस्सा रहे सचिन, 2011 में भारत बना विजेता, तब विराट कोहली ने कही यह खास बात
Virat Kohli on Sachin Tendulkar: इंग्लैंड में 1983 में जब वर्ल्ड कप मैच हुआ था, उस समय सचिन तेंदुल्कर बहुत छोटे थे। तब उनका बचपना था और वे एक बच्चे की तरह इसको देखे थे। जब भारत और पाकिस्तान ने 1987 में वर्ल्ड कप की संयुक्त रूप से मेजबानी की तो वह बॉल ब्वाय की भूमिका में थे। इसके बाद 1992 से सचिन तेंदुलकर एक खिलाड़ी के रूप में हर वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का हिस्सा रहे हैं, लेकिन वर्ल्ड कप नहीं जीत पाए। 2011 वनडे वर्ल्ड कप को लीजेंड सचिन तेंदुलकर के लिए प्रतिष्ठा पाने का आखिरी मौका माना गया था। इसको भारत ने जीता।
Virat Kohli on Sachin Tendulkar: 2003 में दक्षिण अफ्रीका में हुए वर्ल्ड कप में वह ट्रॉफी पर हाथ लगाने के करीब आ गए थे, लेकिन टीम हार गई थी
वर्ल्ड कप जीतने के बाद सचिन को साथी खिलाड़ियों ने कंधों पर उठाकर मैदान का चक्कर लगाया। टीम के नए सदस्य विराट कोहली ने कहा, “सचिन ने 21 वर्षों तक देश का बोझ अपने कंधों पर ढोया है। अब समय है कि हम उन्हें कंधों पर लेकर चलें।”
इससे पहले 2003 में दक्षिण अफ्रीका में हुए वर्ल्ड कप में वह ट्रॉफी पर हाथ लगाने के करीब आ गए थे। वहां उन्होंने 11 मैचों में 673 रन के साथ शीर्ष स्कोर बनाये थे और प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने थे। हालांकि भारत फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गया था।
अनुभवी बल्लेबाजी लाइन अप के सबसे सीनियर सदस्य के रूप में सचिन ने इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शतक बनाये। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टरफाइनल में 53 रन बनाये और मोहाली में पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में 85 रन बनाये जिसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला।
अपने गृहनगर मुम्बई के वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ खिताबी मुकाबले में सचिन मात्र 18 रन ही बना पाए लेकिन गौतम गंभीर और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की दो बेहतरीन पारियों ने सचिन का वर्ल्ड विजेता बनने का सपना पूरा कर दिया।
युवराज सिंह ने प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का पुरस्कार लिया जबकि सचिन श्रीलंका के तिलकरत्ने दिलशान (500) के बाद 482 रनों के साथ दूसरे शीर्ष स्कोरर रहे। बाद में युवराज ने कहा कि एक खास व्यक्ति जिसके लिए वह वर्ल्ड कप जीतना चाहते थे वह सचिन हैं।
उन्होंने कहा, “यह मेरा छठा वर्ल्ड कप है। हम एक बार सेमीफाइनल में हारे और एक बार फाइनल में। यह दिल तोड़ने वाला था। लेकिन आपको कभी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। यह मेरा सबसे बड़ा सपना था, मैंने इसका पीछा किया और यह सच हो गया।”