Virat Kohli First International Match: कोहली ने अगस्त 2008 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया और अपने प्रभावशाली बल्लेबाजी प्रदर्शन से तेजी से आगे बढ़े। वह खेल के सभी प्रारूपों में भारतीय क्रिकेट टीम का एक अनिवार्य हिस्सा रहे हैं, उन्होंने 2014 से 2021 तक टेस्ट टीम और 2017 से 2021 तक सीमित ओवरों की टीमों के कप्तान के रूप में कार्य किया।
स्टार क्रिकेटर विराट कोहली (Virat Kohli) ने बताया कि जब वह अंडर-19 वर्ल्ड कप खेल रहे थे, उसके बाद ही उनके बारे में चर्चाएं तेज हो गई थी। लोग उनके खेल को वाच करने लगे थे। तब उनके साथ के लोग उनसे कहने लगे थे कि शायद तुम इंडियन टीम में सेलेक्ट हो जाओ।
Virat Kohli First International Match: पहली बार आईपीएल खेलने में उम्मीदें बढ़ गई थीं
यह वह समय था जब विराट उस नजरिये से सोचने लगे थे। पहली बार आईपीएल के दौरान उनके ऊपर काफी दबाव था। क्योंकि उनसे लोगों की उम्मीदें बढ़ गई थीं और उन्हें लग रहा था कि उन्हें अच्छा खेलना होगा। इससे उन्हें टीम इंडिया में खेलने के लिए चांस मिल सकता है। विराट ने कहा कि आईपीएल का पहला साल एक डिजास्टर था। टीम ने बहुत अच्छा परफार्म नहीं किया। इसलिये उनके बारे में कोई चर्चा नहीं थी। पिक्चर में वे कहीं नहीं थे।
विराट ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया में मैं खेल रहा था और दिलीप वेंगसरकर उस वक्त सेलेक्टर कमेटी के चेयरमैन थे। वह वहां मेरा एक या दो मैच देखने आने वाले थे। मैं न्यूजीलैंड ए टीम के खिलाफ खेल रहे थे। वहां भी मेरी सीरीज अच्छी नहीं जा रही थी। इसलिए मैं टीम से ड्राप कर दिया गया। इस दौरान तीन-चार लोगों ने वेंगसरकर से कहा कि इस लड़के को एक बार चांस दे देना चाहिए।
प्रवीण आमरे हमारे कोच थे। उन्होंन पूछा कि क्या ओपनिंग करोगे। हमने सहमति जताई। जब दिलीप वेंगसरकर आए तो 15 मिनट बाद ही हमारी बैटिंग शुरू हो गई। वह एयरपोर्ट से सीधा आए थे। मैच में कोरी एंडरसन (Corey Anderson), क्रिस मार्टिन (Chris Martin, टिम साउथे (Tim Southee) भी उसमें थे। शिखर धवन के साथ मैंने ओपनिंग शुरू की।
कोहली ने बताया कि मैंने 120 रन बनाये। उन्होंने मुझे खेलते देखा। वे मुझे पहले भी खेलते देख चुके थे तो पहले से ही माइंड सेट कर चुके थे कि मुझे टीम में रखना है।