Urvil Patel Struggle for cricket: पापा ने बेटे में देखा अपना अपना सपना, उर्विल पटेल ऐसे बने क्रिकेटर
Urvil Patel Struggle for cricket: क्रिकेटर उर्विल पटेल (Urvil Patel) के पापा एक स्कूल में पीटी टीचर थे। वे खुद एक अच्छा क्रिकेटर बनने का सपना देखते थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इससे वे निराश नहीं हुए और अपना सपना अपने बेटे के जरिये पूरा करने की बात सोची।
Urvil Patel Struggle for cricket: पापा नियमित रूप से दो घंटे कराते थे प्रैक्टिस
इसके बाद उन्होंने अपने बेटे को क्रिकेटर बनाने का सपना देखा। जब बेटा बहुत छोटा था तो वे उसे क्रिकेट की प्रैक्टिस कराते थे। यानी उर्विल पटेल में क्रिकेट का संस्कार बचपन से ही भर दिया। कुछ दिनों के बाद तो उर्विल खुद क्रिकेट के इतने दीवाने हो गए कि स्कूल से आते ही अपने पापा से तुरंत प्रैक्टिस कराने के लिए कहने लगते थे। पापा उनको दो घंटे की नियमित प्रैक्टिस कराते थे।
इससे उर्विल की प्रतिभा में धार बढ़ती गई और वे लगातार बेहतर हो रहे थे। उनके क्रिकेट के कौशल को देखकर उनके पिता ने छह साल की उम्र में ही उर्विल को एक एकेडमी ज्वाइन करा दी। वहां पर भी उर्विल खूब प्रैक्टिस करते थे। जब वे थोड़ा बड़े हुए तो उन्हें समझ में आया कि अपने पापा का सपना पूरा करना है। वे उस सपने को पूरा करने के लिए दिन रात लगे रहे।
उर्विल विरेंदर सहवाग को बहुत पसंद करते हैं। उनकी बैटिंग स्टाइल को फॉलो करते हैं और क्रिकेट में वे उनके आदर्श हैं। उर्विल सहवाग की ही तरह बैटिंग करना चाहते हैं। सहवाग की ही तरह उनकी भी सोच है कि जब आप बैटिंग कर रहे हों तो दबाव बॉलर पर होना चाहिए।
एक दिन वह समय भी आया कि वे अपने जिले के लिए खेल और फिर उससे आगे बढ़े। वे पहले बड़ौदा से खेलते थे, फिर अपने गुजरात की टीम में एंट्री पाई और खेलने लगे। गुजरात में उनको बड़ा सपोर्ट मिला। खुद उर्विल मानते हैं कि उनकी प्रतिभा की वजह से गुजरात ने उनको काफी मदद दी।
उर्विल यूपी के खिलाफ खेलते हुए शानदार 96 रन बनाए थे। यह उनके अब तक के जीवन की सबसे अच्छी पारी थी। उस समय यूपी टीम से कई सीनियर खिलाड़ी खेल रहे थे। उर्विल का मानना है कि वे कड़ी मेहनत कर रहे हैं और जल्द ही देश के लिए खेलेंगे।