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प‍िता गार्ड, मां आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, बेटी टीम इंड‍िया की क्र‍िकेटर- जान‍िए मेघना स‍िंंह के संघर्ष की कहानी

Meghna Singh | Woman Cricketer |

Meghna Singh and Passion for Cricket: भारतीय महिला युवा क्रिकेटर मेघना सिंह। (फोटो- फेसबुक)

मेघना सिंह। गुदड़ी का लाल वाली कहावत का जीता-जागता उदाहरण। प‍िता शुगर म‍िल में स‍िक्‍योर‍िटी गार्ड। मां आंगनवाड़ी कार्यकर्ता। बेटी होनहार क्र‍िकेटर। 18 जून 1994 को बिजनौर में जन्‍मीं मेघना के ल‍िए क्र‍िकेटर बनने का सफर आसान नहीं रहा।

मेघना ने दस साल की उम्र से ही क्रिकेट में हाथ आजमाना शुरू कर द‍िया था। लेक‍िन, आगे बढ़ने की राह में बड़ी मुश्‍क‍िल थी। गांव का माहौल था, जहां लड़क‍ियों के क्र‍िकेट खेलने की बात लोगों के ल‍िए न‍िहायत ही अटपटी थी। तो लड़क‍ियों की टीम होने की बात तो छोड़ ही दीज‍िए। पर, मेघना डि‍गी नहीं। न लोगों की ताने भरी बातें सुनीं, न ही लड़क‍ियों की टीम नहीं होने को राह का रोड़ा बनने द‍िया। लड़कों के साथ ही खेलना शुरू कर द‍िया। उन्‍होंने लड़कों जैसे ही बाल रखना शुरू कर द‍िया, ताक‍ि लड़कों की टीम में उनका लुक एकदम अलग नहीं द‍िखे।

तड़के चार बजे जग कर गांव से 24 किलोमीटर दूर, बिजनौर के नेहरू स्टेडियम जाती थीं। प्रैक्टिस के ल‍िए। क्र‍िकेट खेलने का जुनून सवार था। जुनून और मेहनत ने रंग भी द‍िखाया। जिला स्तर पर खेलने के लिए टीम में उनका चयन हो गया। फ‍िर तो हौंसले को नए पंख लग गए। उड़ान रुकने वाली कहां थी। 2008 में अंडर 19 खेला। राज्य लेवल पर भी चयन‍ित हुईं और 2021 में उनका सिलेक्शन इंडियन महिला टीम में हुआ। पहला मैच उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला। जनवरी 2022 में न्यूजीलैंड में इंडियन महिला वर्ल्ड कप के ल‍िए 18 सदस्यीय टीम में भी उनका नाम आया और महिला टी 20 में भी वह नामित हुईं।

मेघना ने क्र‍िकेटर बनने के साथ-साथ सरकारी नौकरी भी ले ली थी। इंडियन टीम में चयनित होने के सात साल पहले मेघना की रेलवे में नौकरी लगी थी। वह मुरादाबाद में बुकिंग क्लर्क थीं। तब वह मुरादाबाद के स्टेडियम में ही प्रैक्टिस किया करती थीं।

मेघना टीम इंड‍िया में शाम‍िल होने वाली उत्तर प्रदेश राज्य की दूसरी महिला क्रिकटर हैं। उन्‍हें यह मुकाम द‍िलाने में उनके कोच लक्ष्यराज की मेहनत का बड़ा रोल रहा है। लक्ष्‍यराज मेघना को बनाना स्विंगर कहते हैं। इसकी वजह यह है क‍ि मेघना ऐसा बॉल फेंकती हैं जो केले के आकार की तरह स्‍व‍िंग करते हुए बल्‍लेबाज तक पहुंचती है। 2007 से मेघना कोच त्यागी के संरक्षण में अपने हुनर को बढ़ाने लगीं और आज भारत का जाना पहचाना नाम बन गई हैं।

चाय की शौकीन मेघना सोशल मीड‍िया पर भी काफी एक्‍ट‍िव रहती हैं। इंस्टाग्राम पर कई तरह के फनी रील बनाकर डालना भी उन्हें बहुत अच्छा लगता है। इंडियन महिला टीम में सबसे ज्यादा मोबाइल इस्‍तेमाल करने वाली ख‍िलाड़‍ियों में मेघना का नाम सबसे ऊपर आता है।

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