Third Umpire Concept: इस भारतीय खिलाड़ी को थर्ड अंपायर ने दिया था सबसे पहले आउट, लाखों क्रिकेट फैंस हो गए थे नाराज़
क्रिकेट में दिलचस्पी रखने वाले सभी प्रशंसक क्रिकेट से जुड़ी छोटी से छोटी बात जानते हैं। क्या आप यह जानते हैं कि थर्ड अंपायर मैच में कितनी अहम भूमिका को निभाने का काम करता है। आज के दौर में मैच के दौरान धीरे-धीरे मार्जन कम होता जा रहा है हार और जीत के बीच का अंतर इतना कम रह गया है कि पता ही नहीं चलता कब हारती हुई टीम जीत हासिल कर लेती है। थर्ड अंपायर का सबसे अहम काम यही होता है कि सबसे निकटतम आंकड़ों को सही ढंग से आंकने के बाद हार और जीत का फैसला करें।
क्या है थर्ड अंपायर की भूमिका
मैच की इतनी बड़ी पिच पर हर चीज पर पल-पल नजर रख पाना बहुत ज्यादा मुश्किल होता है इसलिए मैच के दौरान सबसे बड़ी मदद थर्ड अंपायर करता है। पहले जब मैच हुआ करते थे तब थर्ड अंपायर का उपयोग रन आउट को कॉल करने के लिए किया जाता था परंतु अब डीआरएस के आगमन के बाद थर्ड अंपायर को अन्य एलबीडब्ल्यू और कैट के लिए भी कॉल करना पड़ता है। न्यू बोल होने पर भी नियमों के आधार पर थर्ड अंपायर के जरिए फैसला जाना जाता है।
मैच के दौरान हार या जीत का सबसे बड़ा निर्णय थर्ड अंपायर के द्वारा लिया जाता है और ऐसे में थर्ड अंपायर बहुत ज्यादा मायने रखता है। आज के समय में कोई भी मैच थर्ड अंपायर के बिना बिल्कुल भी और संभव हो गया है।
मैच के दौरान थर्ड अंपायर की अवधारणा कब शुरू की गई?
क्रिकेट मैच के दौरान थर्ड अंपायर की अवधारणा सन 1992 में डरबन में होने वाले टेस्ट क्रिकेट के दौरान हुई। उस समय भारत दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच खेल रही थी और उस मैदान में कार्ल लिबेनबर्ग पहले थर्ड अंपायर के रूप में देखे गए।
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थर्ड अंपायर के दौरान पहला कौन सा खिलाड़ी आउट दिया गया?
थर्ड अंपायर के रूप में सबसे पहले सचिन तेंदुलकर को बैकवर्ड प्वाइंट की तरफ से मारा जाने वाले शार्ट की वजह से आउट करार दिया गया था। उस समय सचिन तेंदुलकर मात्र 11 रन पर आउट हो गए थे। 1992 में डरबन में होने वाले टेस्ट क्रिकेट के दौरान सबसे पहले थर्ड अंपायर के द्वारा आउट करार दिए गए खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर बने।