Team India Selector Committee: कुछ समय पहले तक चयन समिति के अध्यक्ष रहे पूर्व क्रिकेटर चेतन शर्मा की जगह बीसीसीआई को कोई नया नाम नहीं मिल रहा है। चेतन शर्मा का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही फऱवरी 2023 में एक स्टिंग ऑपरेशन की वजह से हटना पड़ गया था।
अब ऐसा कहा जा रहा है कि इस पद के लिए कोई बड़ा नाम तब तक नहीं मिलेगा, जब तक वेतन में इजाफा नहीं होता है। अभी फिलहाल भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज शिवसुंदर दास को चेतन शर्मा की जगह अध्यक्ष बनाया गया, जबकि एस शरत (दक्षिण), सुब्रोतो बनर्जी (मध्य) और सलिल अंकोला (पश्चिम) चयन समिति में हैं। सीनियर चयन समिति के अध्यक्ष को एक करोड़ रूपये सालाना मिलते हैं जबकि चार अन्य सदस्यों को 90 लाख रूपये सालाना दिये जाते हैं।
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अंतिम बार चयन समिति के अध्यक्ष पद पर कोई बड़ा नाम दिलीप वेंगसरकर (2006 से 2008) और कृष्णामाचारी श्रीकांत (2008 से 2012) के थे। लेकिन वेंगसरकर का काम अवैतनिक था जबकि श्रीकांत के चयनकर्ता बनने के बाद से बीसीसीआई ने वेतन देना शुरू किया।
मोहिंदर अमरनाथ भी चयन समिति में थे और संदीप पाटिल भी इसके अध्यक्ष रहे। अभी जो बड़ा नाम उत्तर क्षेत्र से चयन समिति में शामिल किये जाने के लिये उभरता है, वह है विरेंदर सहवाग का नाम, लेकिन समस्या वही है। उनके जैसे बड़े नाम के लिए वेतन बहुत कम है।
इस पद के लिए जो मानक है, उसके मुताबिक आवेदक को क्रिकेट से रिटायर हुए कम से कम पांच साल हो चुके हों। इस लिहाज से हाल-फिलहाल में रिटायर हुए कई क्रिकेटर हरभजन सिंह, युवराज सिंह आदि इसके लिए अभी आवेदन नहीं कर सकते हैं। उनको रिटायर हुए पांच साल नहीं हुए हैं।
मौजूदा दौर में खिलाड़ी रिटायर होने के बाद किसी प्रसारक चैनलों से जुड़ने या आईपीएल टीमों से जुड़ने या अपनी अकादमी शुरू करने में ज्यादा रुचि रखते हैं। कई लोग कॉलम लिखते हैं। इन सब कामों में नाम, प्रतिष्ठा, पैसा और यश ज्यादा मिलता है। चयन समिति में होना बड़ा नाम का काम हो सकता है, लेकिन उसमें आर्थिक उपलब्धि कम होन से लुभावना नहीं होता है। आज के प्रोफेशनल जमाने में यह एक बड़ी वजह है।