इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल आया तो क्रिकेटर्स पर पैसों की बरसात होने लगी। पर, इसके साथ ही यह दबाव भी आया कि अच्छा खेलते रहना है। साथ ही, पैसों की चमक ने ड्रेसिंंग रूम और खिलाड़ियों के रिश्तों को भी कुछ अलग तरह से प्रभावित किया। इस बारे में एक इंटरव्यू में सुरेश रैना ने कई बातें सार्वजनिक की थीं।
रैना ने बताया था कि कई नए लड़के पैसा आते ही महंगी कारें खरीदने लग जाते हैं और अपने लुक्स पर भारी-भरकम खर्च करने लगते हैं। पर, क्रिकेटर्स को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि उनके कमाने का दौर अमूमल 15 साल लंबा ही होता है।
आज करोड़ों के मालिक सुरेश रैना ने बताया, तब तो टीम इंडिया के लिए एक मैच खेलने पर 50 हजार रुपए मिलते थे। अगर आपको लगातार मैच खेलने को नहीं मिल रहा है तो पैसों की दिक्कत ही रहती थी। वैसे, रैना के पास आज पैसों की कमी नहीं है। लेकिन, एक वक्त था जब उन्हें पैसों की भारी किल्लत थी। वह एअर इंडिया के लिए खेलते थे। इसके बदले में उन्हें हर महीने 10000 रुपए की स्कॉलरशिप मिलती थी। वह यह पैसा अपने घर भेज दिया करते थे। परिवार मध्यमवर्गीय और बड़ा था। सो, पैसों की किल्लत रहती थी। ऐसे वक्त में उनके लिए ये दस हजार रुपए काफी अहमियत रखते थे।
रैना को जब क्रिकेट से उन्हें मोटा पैसा मिला तो उन्होंने परिवार के लिए घर बनवाया। वैसे राहुल द्रविड़ उनसे अक्सर पूछते थे कि पैसे का सही इस्तेमाल तो कर रहे हो न? वह पढ़ाई, परिवार आदि के बारे में भी पूछते थे। वीरेंद्र सहवाग अक्सर वेल्थ मैनेजर रखने की सलाह दिया करते थे। लेकिन, रैना शादी और बच्चे होने के बाद ही पैसों को लेकर थोड़ा गंभीर हुए। 2015 तक तो रैना के पैसों से जुड़े सारे निर्णय उनके पिता ही लेते थे।
रैना को दो बार गंभीर चोट भी लगी थी। पहली चोट के समय उनके पास ज्यादा पैसे नहीं थे। उस समय आकाश चोपड़ा ने उन्हें दिल्ली के एक डॉक्टर के पास भेजा था। लेकिन दूसरी चोट के वक्त उनके पास पास पैसा था। वह बेहतर इलाज और सुविधाएं लेने की स्थिति में थे। तब आशीष नेहरा ने उन्हें लंदन के एक डॉक्टर का नंबर दिया था।
सुरेश रैना उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद के मुरादनगर में पैदा हुए थे। उनका जन्म 27 नवंबर 1986 को हुआ था। उन्होंने 2005 में पहला वनडे मैच श्रीलंका के खिलाफ गणगिरी दांबुला इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला था। उन्होंने आखिरी वनडे 17 जुलाई 2018 को इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले में खेला।
रैना आईपीएल के लिए पहली बार 2008 में चुने गए थे।