सुनील गावस्कर हमेशा से जुझारू क्रिकेटर के रूप में चर्चित रहे हैं। हालात से जूझना और हार नहीं मानना उनके स्वभाव में था। इसीलिये बहुत से लोग उनको अपना नेता, हीरो और महान खिलाड़ी कहते हैं। यही वजह है कि जब भी उन्हें लगता है कि कुछ गलत हो रहा है तो वह आवाज जरूर उठाते हैं। अन्याय के खिलाफ मुखर होना उनकी फितरत थी।
गावस्कर ने मुंबई (तब बंबई) में एक बार खिलाड़ियों के कल्याण के लिए आंदोलन शुरू कर दिया था। खिलाड़ियों की मैच फीस बढ़ाने के लिए जोरदार आंदोलन किया था और फीस बढ़वा कर ही माने। इसके अलावा उन्होंने रिटायर्ड क्रिकेटरों के लिए पेंशन की सुविधा शुरू कराईं।
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मुंबई में पूर्व टेस्ट क्रिकेटरों के लिए फ्लैट आवंटन के लिए भी आंदोलन करने का श्रेय उनको ही जाता है। उन्होंने जिस भी काम में हाथ लगाया, उसको करके ही मानते थे। उनका यही जुझारूपन उनको सबसे अलग करता है।
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मैदान के बाहर साथी क्रिकेटरों के लिए जहां जरूरत पड़ी गावस्कर जोरदार से बोले और मैदान के अंदर देश के लिए उनका बल्ला बोलता था। अपने जमाने में गावस्कर ऐसे बल्लेबाज थे जिन्होंने एक वर्ष में एक हजार रन बनाए, वह भी एक बार नहीं तीन बार ऐसा करके दिखाया।
गावस्कर के क्रिकेट रिकॉर्ड आश्चर्यजनक हैं। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में सबसे पहले 10 हजार रन बनाकर अपने बल्लेबाजी की धाक जमा दी थी। टीम इंडिया में ओपनर के रूप में बैटिंग करते हुए वे अक्सर देश के लिए अच्छी शुरुआत करते थे। इसकी वजह से टीम को मैच में जीतने की संभावना बढ़ जाती थी।
अभी हाल ही में आईपीएल 2023 में चेन्नई के चेपक स्टेडियम में कोलकाता नाइटराइडर्स और चेन्नई सुपरकिंग्स के बीच मैच के बाद गावस्कर महान खिलाड़ी महेंद्र सिंह धौनी का ऑटोग्राफ लेने के लिए दौड़ पड़े और अपनी टीशर्ट पर माही का हस्ताक्षर लिया। इस दौरान गावस्कर भावुक हो गये और कहा कि माही और कपिल देव उनके लिए महान खिलाड़ी हैं।