Sunil Gavaskar Friendship With Kapil Dev: हफ्ते-दस दिन में कर लेते हैं दो-चार बार बात, कपिल ने बताई कितनी गहरी है सनी से दोस्ती
कपिल देव और सुनील गावस्कर की आपस में गहरी दोस्ती है। मीडिया में भले ही यह चर्चा हो कि दोनों के बीच नहीं बनती थी, लेकिन सच यही है कि दोनों लोगों के संबंध काफी मधुर थे। वह तब भी जब 1983 में वे विश्व कप जीते थे और उस वक्त भी थे, जब वे क्रिकेट से बाहर थे।
Sunil Gavaskar Friendship With Kapil Dev: उनके ड्रेसिंग रूम में बैठना बड़ी बात थी, मुझे सब पता था
कपिल देव ने कहा कि सनी भाई दुनिया के महानतम खिलाड़ी हैं। मैं चंडीगढ़ से आया था। मेरे लिए उनके ड्रेसिंग रूम में बैठना बड़ी बात थी। वह कैसे खाना खाते हैं, कैसे कपड़े पहनते हैं, कैसे जूते पहनते हैं, मैं यंगस्टर था, मुझे सब पता था। उसके बाद बहुत बार रूम शेयर किया।
Sunil Gavaskar Friendship With Kapil Dev: उनसे हफ्ते में दो-चार बार बात हो जाती है
वे बोले कि मीडिया अपना काम करता है, उनको करने देना चाहिए, अगर वह नहीं करेगा तो हमारी चर्चा कैसे होगी। उन्होंने कहा कि अगर मुझे बताना हो कि मैं सबसे ज्यादा किससे बात करता हूं तो शायद मैं सबसे ज्यादा बात करता हूं सनी भाई के साथ। हफ्ते-दस दिन में दो-चार बार बात कर लेता हूं। कुछ प्लेयर ऐसे हैं, जिनसे बात किए हुए दो-दो साल हो जाते है।
कहा कि वी एडमायर इच अदर, डिफरेंट ऑफ ओपिनियन से यह नहीं है कि आपकी लड़ाई हो जाती है। पहला लेशन जो मुझे क्रिकेट में मिला था, सनी भाई से मिला था। क्योंकि मैं इंडिया टीम भी नहीं खेला था, सीधे जाकर विल्स ट्राफी खेला था।
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तो सनी भाई ने आकर बोला कि तुम जो विकेट के पास जाकर गेंदबाजी करते हो वह बहुत अच्छा है, क्योंकि मुझे देर से नजर आता है आपका लेटआउट स्विंग। पूरी टीम कहती थी कि सनी की बात नहीं सुननी, सनी की बात नहीं सुननी। जब सीनियर कुछ बताता है तो आप में सुनने का माद्दा होना चाहिए।
मीडिया हम दोनों के बारे में तमाम बातें कहता था, हम बोलते थे कि कहने दो, हम लोग शाम को आराम से मिलते थे। हम तनाव ले ही नहीं सकते थे। अपने हीरो के साथ लड़ कैसे सकते थे। सुनील गावस्कर किसके हीरो नहीं थे। दुनिया का कोई ऐसा क्रिकेटर नहीं था, जो इनको हीरो नहीं मानता था।