इंग्लैंड के किंग्सटन में 18 फरवरी 1986 को वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच वनडे मैच के दौरान एक बड़ी घटना हुई। उस मैच में वेस्ट इंडीज के तेज गेंदबाज मैल्कम मार्शल की एक सीधी बाउंसर गेंद इंग्लैंड के बल्लेबाज माइक गैटिंग की नाक में जा लगी। उस गेंद से माइक को इतनी भयानक चोट लगी कि उनके नाक की हड्डी बाहर निकल कर गेंद पर चिपक गई। क्रिकेट के इतिहास में खिलाड़ियों को लगने वाली चोटों में यह एक बड़ी चोट थी।
यूं तो वेस्टइंडीज के गेंदबाजों की तेज गेंदों का सामना करने से उस समय बड़े से बड़े बल्लेबाज कांपते थे। उसमें भी मैल्कम मार्शल सबसे तेज गेंदबाजों के ग्रुप में टॉप पर थे। वेस्टइंडीज के खिलाड़ी आम तौर पर कद में भी काफी लंबे होते हैं। खिलाड़ी का कद लंबा होने से तेज गेंदबाजी में फायदा मिलता है। दूसरा यह कि वेस्टइंडीज के लोग देखने में भी काफी खुंखार लगते थे।
माइक गैटिंग ने बाद में कहा था कि अगर मार्शल और उनके जैसे दूसरे खिलाड़ी इस तरह की तेज गेंदबाजी नहीं करते तो शायद वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सफल टीम के रूप में नहीं जाने जाते। हालांकि माइक गैटिंग की चोट बाद में ठीक हो गई और लंबे इलाज के बाद वह फिर से खेलने की स्थिति में आ गये और कई वर्षों तक इंग्लैंड के लिए अपनी सेवाएं दीं, लेकिन वह चोट उनको यह याद दिलाती रही कि क्रिकेट में खेल से ज्यादा सुरक्षा महत्वपूर्ण है।