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जब मोहम्‍मद स‍िराज और क्र‍िकेट के बीच आ गया था मच्‍छर

मोहम्‍मद स‍िराज को आज कौन नहीं जानता! लेक‍िन, उनकी इस कामयाबी के पीछे के संघर्ष को बहुत कम लोग जानते हैं। ऐसा ही एक क‍िस्‍सा हम आज बता रहे हैं।

अंडर 23 के मैच से दो द‍िन पहले मोहम्‍मद स‍िराज को डेंगू हो गया था। उन्‍हें तेज बुखार था। प्रैक्‍ट‍िस के ल‍िए कैंप में हाज‍िर होना जरूरी था। उन्‍होंने कोच को बताया क‍ि उन्‍हें तेज बुखार है, प्रैक्‍ट‍िस के ल‍िए नहीं आ सकते। कोच को यकीन नहीं हुआ, क्‍योंक‍ि स‍िराज पहले भी कई बार बहाना बना कर प्रैक्‍ट‍िस में नहीं गए थे। कोच ने सोचा- इस बार भी बहाना ही है। उन्‍होंने कहा- प्रैक्‍ट‍िस के ल‍िए नहीं आए तो टीम से बाहर हो जाओगे।

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स‍िराज के ल‍िए करो या मरो वाला हाल था। यह मौका ऐसा था जो स‍िराज क‍िसी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहते थे। उन्‍होंने तय कर ल‍िया क‍ि क्‍या करना है। उन्‍हें ग्‍लूकोज चढ़ रहा था। सुबह-सुबह चेकअप होना था। लेक‍िन, यह सब च‍िंंता छोड़, वह अस्‍पताल से न‍िकल गए। दूसरे अस्‍पताल जाकर पैचेज न‍िकलवाए और प्रैक्‍टि‍स के ल‍िए पहुंच गए।

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सुबह मरीज को गायब देख अस्‍पताल में अफरातफरी मच गई। प्रैक्‍ट‍िस के बाद वह अस्‍पताल पहुंचे तो चेकअप वगैरह हुआ। उसमें डेंगू न‍िकला। लेक‍िन, स‍िराज को इस बात का संतोष था क‍ि उन्‍होंने क्र‍िकेट की सफलता के ल‍िए पहला दरवाजा खोल ल‍िया है।

स‍िराज हैदराबाद के हैं। उनका जन्‍म इसी शहर के लकीगापुर में 13 मार्च, 1994 को हुआ था। 12 साल की उम्र तक स‍िराज बड़े मोटे थे। लेक‍िन, उसके बाद दौड़ना, एक्‍सरसाइज इतना हुआ क‍ि फ‍िटनेस आनी शुरू हो गई।

स‍िराज को कलर्स में ग्रीन और ब्‍लू पसंद हैं। गानों में उन्‍हें सैड सॉन्‍ग पसंद है। वह एक्‍शन फ‍िल्‍म देखना पसंद करते हैं। स‍िराज स्‍टाइल‍िश लाइफ जीना पसंद करते हैं। वह हर मैच के पहले एक अलग तरह की हेयर स्‍टाइल रखने की कोश‍िश करते हैं। व‍िराट कोहली के वह जबरदस्‍त फैन हैं। स्‍टाइल के मामले में भी और क्र‍िकेट के मामले में तो हैं ही।

शुरू में जब स‍िराज क्र‍िकेट खेलते थे तो मां बहुत नाराज होती थीं। लेक‍िन, जब वह ऑस्‍ट्रेल‍िया मैच खेलने गए और प‍िता के इंतकाल की खबर म‍िल तो मां ने ही उनका सबसे ज्‍यादा हौसला बढ़ाया था। उस हाल में भी मां ने कहा था क‍ि तुम प‍िता का सपना पूरा करने पर ध्‍यान दो।

ऑस्‍ट्रेल‍िया पहुंचते ही स‍िराज को पता चला था क‍ि प‍िता की हालत गंभीर है। वह बेचैन हो गए, लेक‍िन लौटना संभव नहीं था। कोराना का दौर था। जाने के बाद क्‍वारंटीन होने का न‍ियम था। फ‍िर एक द‍िन मौत की खबर आ गई। स‍िराज ने द‍िल पर पत्‍थर रख कर मैच खेला। उस वक्‍त उन्‍हें उनकी मां से बड़ी ह‍िम्‍मत मिली थी।

वेंकट नटराजन खेल पत्रकार हैं। क्रिकेट में इनकी ना केवल रुचि है, बल्कि यह क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी भी रह चुके हैं। क्रिकेट से जुड़े क़िस्से लिखने के अलावा वेंकट क्रिकेट Match Live Update, Cricket News in Hindi कवर करने में भी माहिर हैं।