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बेटी को थी टीम इंडिया के लिए खेलने की जिद, पिता एक के बजाए दोनों वक्त करने लगे काम, अंडर-19 में हुआ चयन तो परिवार भूल गया गरीबी

Women World Cup | WPL | Sonam Yadav |

भारतीय महिला वर्ल्ड कप और WPL 2023 में मुंबई इंडियंस की खिलाड़ी सोनम यादव। (फोटो - सोशल मीडिया)

क्रिकेट में कई बार ऐसे परिवार के बच्चे भी राष्ट्रीय – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मैच खेले हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि यहां तो घर से स्कूल तक जाने की भी छूट नहीं है। कई बार इसमें खुद खिलाड़ी की मेहनत और जुनून वजह होती है तो कई बार दूसरों की प्रेरणा उसको ऐसा करने के लिए प्रेरित करती है।

यूपी के फ़िरोज़ाबाद की सोनम यादव ने जब अंडर-19 महिला वर्ल्ड कप क्रिकेट में खेला तो जो लोग उसको रोक रहे थे, आज वही लोग उसके लिए खुशी के आंसू बहा रहे हैं।

सोनम के घर वाले बेहत गरीब हैं। जब सोनम ने क्रिकेट खेलना शुरू किया था, तब घर वालों को ऐसा भरोसा नहीं था कि वह इतनी ऊंचाइयां छूएगी। गांव वाले भी तरह-तरह की बातें करते थे। बाद में जब सोनम ने सबको मना लिया और साफ कर दिया कि क्रिकेट तो हर कीमत पर खेलेंगी तो फिर उनके पिता पैसा कमाने और घर के खर्चों को पूरा करने के लिए दो वक्त की मजदूरी करने लगे। बिना ओवरटाइम किए खर्च पूरा नहीं हो रहा था।

सोनम की मां ने भी दो-दो भैंस और गाय रखकर दूध का कारोबार बढ़ाया। घर में भाई-बहन सब लोग जुट गये और उनकी मेहनत का असर दिखा। सोनम आईपीएल में मुंबई इंडियंस की ओर से खेलती हैं। वह बाएं हाथ की स्पिन बॉलिंग करती हैं, लेकिन बल्लेबाजी वह दाएं हाथ से करती हैं।

जब सोनम का मुंबईं इंडियंस की ओर से महिला आईपीएल क्रिकेट में चयन हुआ तो पूरा परिवार गरीबी भूल गया। गांव वाले भी आकर बधाइयां देने लगे। घरों में लोग टीवी खोलकर क्रिकेट देखना शुरू कर दिया।

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