रवि शास्त्री वेस्टइंडीज के महान खिलाड़ी गैरी सोबर्स से बहुत प्रभावित थे। सोबर्स का पूरा नाम सर गारफील्ड सेंट ऑब्रन सोबर्स (Sir Garfield St Aubrun Sobers) था। शास्त्री ने अपनी किताब में वेस्ट इंडीज के ऑलराउंडर गारफील्ड सोबर्स के बारे में काफी कुछ लिखा है। सोबर्स के बारे में वे क्या सोचते थे, इसके बारे में वे लिखते हैं, “सोबर्स और उनकी प्रतिभा का मुझ पर अतुलनीय प्रभाव है… वह मेरे लिए अब तक के सबसे बहुमुखी और सम्मोहक क्रिकेटर रहे हैं। जब मैं लगभग आधी सदी पहले क्रिकेट में आया तो वह मेरी शुरुआती प्रेरणा थे।”
रवि शास्त्री की सोबर्स के प्रति दीवानगी बचपन से थी
गैरी सोबर्स के बारे में रवि शास्त्री की दीवानगी को उनके पिता अच्छी तरह जानते थे। जब शास्त्री सिर्फ 10 साल के थे और क्रिकेट को कैरियर बनाने के लिए तेजी से खेलना शुरू किया था, तब उनके पिता अक्सर चिढ़ाने के लिए कहा करते थे, “हमारे घर में भी एक सोबर्स है।”
बेशक वह ऐसा मजाक में कहते थे, लेकिन रवि शास्त्री सचमुच उनके जैसा बनने की कोशिश करते थे। सोबर्स और रवि शास्त्री की उम्र में काफी फासला है, लेकिन उनकी दीवानगी में कोई फासला नहीं था। शास्त्री की जब पहली बार उनसे मुलाकात हुई तो उन्होंने शास्त्री को आगे बढ़ने के कई टिप्स दिये। शास्त्री क्रिकेट के चाहने वालों के लिए सेलेब्रिटी हैं, लेकिन शास्त्री के लिए सेलेब्रिटी गैरी सोबर्स हैं।
शुरू में शास्त्री काफी शर्मीले थे, लेकिन बाद में वे खुलकर बोलने लगे थे
रवि शास्त्री अपने कैरियर में शुरू में जितने शर्मीले थे, बाद के दिनों में वे उतने ही तेज और खुलकर बोलने वाले इंसान बने। इसके चलते जब वे क्रिकेट से रिटायर हुए तो कमेंटेटर की भूमिका में आ गये और क्रिकेट से जुड़े हर तरह के लोगों का इंटरव्यू करने लगे। इससे वे क्रिकेट की दुनिया के अलावा क्रिकेट से बाहर भी चर्चित हो गये।
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उनके साथी खिलाड़ी कहते हैं कि रवि शास्त्री का व्यक्तित्व एक मजबूत कद काठी का आकर्षक युवक का था। इसलिए उनके प्रति लोगों का आकर्षण हमेशा रहा है। जब वे एक खिलाड़ी के रूप में भारतीय टीम का हिस्सा थे, तब उनका नाम कई महिलाओं के साथ जोड़ा गया। उनके अफेयर और शादी की चर्चाएं भी चलने लगीं। हालांकि उनका व्यक्तिगत जीवन और उनका खेल कैरियर एक-दूसरे से कभी प्रभावित नहीं हुए।