Shikhar Dhawan childhood Story: भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज शिखर धवन काफी शानदार बैट्समैन हैं। वे भारत के लिए अब तक 34 टेस्ट, 167 वनडे और 68 टी20 इंटरनेशनल मुकाबले खेल चुके हैं। शिखर धवन बचपन से ही क्रिकेट को काफी पसंद करते थे और वे अक्सर अपने दोस्तों के साथ सड़कों पर क्रिकेट खेला करते थे।
हाल ही में शिखर ने “रणवीर अल्लाहबादिया” के “रणवीर शो हिंदी” में बताया है कि वे बचपन में काफी बदमाश थे। वे पढ़ाई में अच्छे नहीं थे और उनका ज्यादा से ज्यादा समय केवल खेल में ही बीतता था। शो में शिखर ने अपने बचपन से जुड़े कुछ और राज भी बताए हैं।
दिवाली पर लोगों के चिट्ठियों को फाड़ देते थे शिखर धवन
शो में शिखर धवन ने बताया कि शाम को सोसाइटी के सभी बच्चे जमा होते थे और वे लोग हर तरह के गेम जैसे क्रिकेट और फुटबॉल आदि खेला करते थे। वे अन्य बच्चों के साथ मिलकर दिवाली के मौके पर लोगों के लेटरबॉक्स को पटाखों से उड़ा देते थे। यही नहीं वे सोसाइटी के लोगों के लेटर भी फाड़ देते थे और उसे नाली में भी फेंक देते थे।
शिखर धवन ने यह भी कहा है कि वे साइकिल को फिसलपट्टी पर भी चढ़ा देते थे और फिर वह वहां से नीचे आती थी, जिसमें उन्हें काफी चोटें भी आती थी। उन्हें यह सब करके काफी मजा आता था और इससे वे बहुत खुश भी हुआ करते थे।
बचपन में बाजार में खो गए थे शिखर धवन
शिखर धवन के बचपन का एक और मजेदार किस्सा यह भी है कि जब वे सात साल के थे तो वह दिल्ली के बाजार में एक बार खो भी गए थे।
वे अपनी मां और बहन के साथ बाजार में गए थे और खिलौनों को देखते-देखते वे उनसे बिछड़ गए थे। इसके बाद वे घबरा गए और पूरे बाजार में अपनी मां और बहन को खोजने लगे थे।
इस दौरान वे इतने घबरा गए थे कि उनकी पैंट भी गीली हो गई थी। अंत में एक शख्स की मदद से वे अपनी मां और बहन से मिल पाए थे। इस घटना से शिखर ने यह सीख पाई थी कि वे बाजार में काफी सावधानी से जाएंगे और इस दौरान अपने परिवार के साथ ही रहेंगे।