Sarfaraz Emotional Touch To Father: अक्सर पिता अपने बच्चों के लिए जीवन में कई तरह के त्याग और मेहनत करते हैं। हर पिता के लिए अपना बच्चा प्रिय होता है। युवा क्रिकेटर सरफराज खान की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। उनके पिता नौशाद ने बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने तय कर रखा था कि सरफराज रोज कम से कम 400 से 600 बॉल जरूर फेंकें। इसके लिए वे बड़ी मेहनत करते थे।
इक इंटरव्यू में नौशाद सरफराज को लेकर एक बहुत ही भावनात्मक किस्सा सुनाया। यह उस समय की बात है जब सरफराज बहुत छोटे ही थे। संयोग से जहां वह खेलते थे, वहीं सचिन तेंदुलकर का बेटा अर्जुन तेंदुलकर खेला करते थे।
Sarfaraz Emotional Touch To Father: खुद की तुलना अर्जुन तेंदुलकर से की
हालांकि वह कई बार लोकल टूर्नामेंट में कभी अर्जुन की टीम में खेलते तो कभी विरोधी टीम में खेलते थे। एक दिन सरफराज पिता के पास आया और बोला- अब्बू अर्जुन कितना नसीब वाला है ना। वह सचिन सर का बेटा है, उसके पास कार है, आईपैड है और सब कुछ है।
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नौशाद चुप रहे। कुछ बोल नहीं सके। लेकिन कुछ ही देर में सरफराज फिर दौड़ते हुए नौशाद के पास आया और पिता को जोर से गले लगा कर बोला- मैं उससे ज्यादा नसीब वाला हूं। आप अपना पूरा दिन मेरे लिए कुर्बान कर देते हैं। उसके पिता उसे वक्त नहीं दे पाते।
सरफराज खान एक प्रतिभाशाली युवा बल्लेबाज हैं। जिन्होंने अंडर-19 स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया और विभिन्न घरेलू टीमों के लिए भी खेले हैं। उनका जन्म 22 अक्टूबर 1997 को मुंबई में हुआ था। सरफराज ने 2014-15 रणजी ट्रॉफी सीज़न में मुंबई के लिए प्रथम श्रेणी में डेब्यू किया, और उन्होंने अपने उत्कृष्ट बल्लेबाजी कौशल और आक्रामक खेल शैली से जल्दी ही सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था।
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में सरफराज खान शुरुआत में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के लिए खेले, लेकिन बाद में उन्हें किंग्स इलेवन पंजाब (अब पंजाब किंग्स) ने साइन कर लिया। उन्होंने आईपीएल में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, अक्सर नई शॉट्स खेलने और तेजी से रन बनाने की अपनी क्षमता से प्रभावित किया। सरफराज के पिता के लिए यह बड़ी उपलब्धि है कि उसकी क्रिकेट जगत में काफी पहचान है।