Site icon Cricketiya

भारत को हरा चैंप‍ियंस ट्रॉफी जीती तब जाकर बन पाई पाक‍िस्‍तानी क्रि‍केटर के घर की गली- सरफराज अहमद ने सुनाया क‍िस्‍सा  

Sarfaraz Ahmed | Pakistan | Cricket

पाकिस्तानी क्रिकेटर सरफराज अहमद। (फोटो- फेसबुक)

2017 में जब पाकिस्तान ने भारत को हराकर आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी तो तब के पाक‍िस्‍तानी टीम के कप्‍तान सरफराज अहमद को एक न‍िजी फायदा भी हुआ था। उनके मोहल्‍ले में घर वाली गली तब तक खस्‍ताहाल थी, लेक‍िन ज‍िस द‍िन पाक‍िसतान ने ट्रॉफी जीती, उसी रात वह गली शानदार बना दी गई। सरफराज ने ये किस्सा एक इंटरव्यू में बयां किया। सरफराज को इस जीत के बदले एक बीएमडब्‍ल्‍यू कार भी म‍िली थी।

भारत की टीम ऐसी थी जो कितना भी रन बना सकती थी

सरफराज ने इस जीत को सबसे खास बताया। इसकी वजह उन्होंने यह बताई कि भारत की टीम ऐसी थी जो कितना भी रन बना सकती थी। ऐसी टीम से मैच जीतने का अलग ही महत्व है। उन्होंने कहा कि भारत की टीम में महेंद्र सिंह धोनी, रोहित शर्मा, शिखर धवन, युवराज सिंह, विराट कोहली जैसे खिलाड़ी थे।

पाकिस्तानी टीम में सिर्फ दो ही अनुभवी थे

हमारी टीम के ख‍िलाड़ी उनके सामने बच्चे थे, लेकिन हमने पाकिस्तान क्रिकेट को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया। बाबर आजम, हसन अली, शादाब खान, फहीम अशरफ ये सब युवा खिलाड़ी थे। उनकी टीम से हमारी टीम की कोई तुलना ही नहीं थी। हमारे पास सिर्फ दो ही अनुभवी खिलाड़ी थे मोहम्मद हाफ‍िज और शोएब मलिक। बाकी तो सब नए ही थे। 

Also Read: जब सहवाग बोले- तेरा कैरियर खत्म, तब शोएब अख्तर ने पकड़ लिए थे सचिन के पैर, जानिए क्यों कांप गये थे पाकिस्तानी खिलाड़ी  

सरफराज ने नादिर अली पॉडकास्ट में बताया कि भारत को हरा कर चैंपियंस ट्रॉफी जीतने की खुशी शब्दों में बयां नहीं की जा सकती। यह ऐसी यादगार है जो भुलाए नहीं भूल सकती।
इस जीत के बाद पाकिस्तान टीम के लिए स्‍वागत की शानदार तैयारी की गई थी। रात को जब पाक‍िस्‍तान वापसी के ल‍िए टीम एयरपोर्ट पर पहुंची तभी से उनके साथ शाही बर्ताव शुरू हो गया था। हवाई अड्डे पर उन्‍हें वीआईपी लाउंज में रखा गया।

सरफराज ने घर पर बात की तो पता चला क‍ि उनकी गली में लोगों का हुजूम जमा हो गया है। उन्‍हें लगा क‍ि गर्मी और रमजान का महीना है, जब तक वह घर पहुंचेंगे तब तक भीड़ जा चुकी होगी। वह पांच बजे सुबह पाक‍िस्‍तान में हवाईअड्डे पर उतरे। करीब एक घंटे बाद घर पहुंचे तो देखा भीड़ वहीं डटी थी। वहां जमा सभी लोगों ने वहीं पर खड़े-खड़े सेहरी की थी और सात-आठ बजे सुबह तक वे सब वहीं डटे रहे थे।
Exit mobile version