Saika Ishaque Poverty and Struggle for Cricket: झोपड़पट्टी से अंतरराष्ट्रीय मुकाबले तक ऐसा रहा है साइका इशाक का किस्सा
Saika Ishaque Poverty and Struggle for Cricket: साइका इशाक (Saika Ishaque) वह महिला क्रिकेटर हैं, जिन्होंने पहले ही वूमन प्रीमियर लीग (डब्ल्यूबीएल, WPL2023 ) में अपनी धाक जमा दी थीं। मुंबई इंडियंंस की ओर से खेलते हुए उन्होंने नौ मैचों में 15 विकेट ले लिए और टीम के फाइनल तक के सफर में अपना अहम योगदान दिया। टूर्नामेंट में यहां तक के सफर में उनसे ज्यादा विकेट केवल एक ही खिलाड़ी (यूपी वॉरियर्ज की सोफी एक्लेस्टोन) ले पाईं।
साइका का जीवन शुरू से ही संघर्ष से भरा रहा। कोलकाता में पार्क सर्कस की झोपड़पट्टी में रहना। मां दूसरों के घर काम कर किसी तरह खाने का इंतजाम कर देती थीं। पढ़ाई के पैसे पूरे नहीं होते थे। साइका पढ़ नहीं सकी। क्रिकेट में किस्मत आजमाया तो परिवार की माली हालत थोड़ी सुधरी। लेकिन, संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ था।
Saika Ishaque Poverty and Struggle for Cricket: पिता के निधन के बाद कंधे में चोट से हो गई थीं बाहर
2018 में पिता की मौत हो गई। खुद साइका को भी कंधे में चोट लग गई। बंगाल सीनियर टीम से बाहर होना पड़ा। तीन साल तक बंगाल की टीम में जगह नहीं मिली उसके बाद कोरोना आ गया। उसने मन बना लिया था कि क्रिकेट छोड़ देना है।
इस बीच, मीठू ने भी साइका के लिए कुछ करने की कोशिश की। उन्होंने बंगाल के अंडर 19 क्रिकेटर शिवसागर सिंह से बात की और साइका को उनसे मिलने के लिए कहा। शिवसागर ने अपने तरीके से साइका के खेल में धार पैदा की।
तीन महीने में ही साइका को बंगाल सीनियर टीम में जगह मिल गई और 2023 आते ही मुंबई इंडियंस ने उन्हें दस लाख देकर अपनी टीम में ले लिया। अपनी लगन, मेहनत और शिवसागर सिंंह के सिखाए गुर के दम पर साइका ने डब्ल्यूपीएल में अपना सिक्का जमा लिया।