Site icon Cricketiya

जब सचिन को लगा था क्रिकेट खेलना उनके वश का नहीं, जानिए कैसे समझा था वक्त का महत्व

Sachin Tendulkar | Team India Cricketer |

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर। (फोटो- फेसबुक)

टीम इंड‍िया के पूर्व क्र‍िकेटर सच‍िन तेंदुलकर को सुबह सबसे पहले चाय या कॉफी चाह‍िए। सुबह की पहली चाय या कॉफी वह खुद बनाना पसंद करते हैं। 1983 में जब भारत वर्ल्‍ड कप जीता था, तो सच‍िन के द‍िमाग में बात पैठ कर गई थी क‍ि यह करना है। वहां तक पहुंचने के ल‍िए क्‍या करना है, इस बारे में उस समय उन्‍हें कुछ पता नहीं था। लेक‍िन, धीरे-धीरे क्र‍िकेट में उनका जुनून बढ़ता गया और वहां तक पहुंचने का रास्‍ता बनता गया।

ज‍िंदगी की दूसरी पारी फैसलाबाद में खेली तो वह सोच बदल गई

सच‍िन ने जब कराची में अपनी पहली पारी खेली थी तो उनके द‍िमाग में आया था क‍ि यह उनकी पहली और आख‍िरी पारी होगी। उन्‍हें लगा क‍ि वह इस स्‍तर का खेल नहीं खेल सकते। पहले मैच में उन्‍हें कुछ समझ नहीं हो रहा था क‍ि क्‍या हो रहा है। ड्रेस‍िंग रूम में वह यही सोचते हुए आए क‍ि यह उनके वश का नहीं।
इसके बाद उन्‍होंने कई लोगों से बात की। लोगों ने कहा थोड़ा वक्‍त दो। उसके बाद जब उन्‍होंने ज‍िंदगी की दूसरी पारी फैसलाबाद में खेली तो वह सोच बदल गई थी। दूसरी पारी खेलने के बाद जब ड्रेस‍िंग रूम में आए तो उन्‍हें लगा क‍ि वह कर सकते हैं।
Also Read: जान‍िए, सच‍िन के साधारण इंसान बने रहने में पेड़े का क्‍या है रोल
शुरू में वक्‍त को लेकर सच‍िन लापरवाह रहते थे। जब वह सोलह साल के थे तो उन्‍हें समझ नहीं आता था क‍ि अगर आठ बजे बस खुलने का वक्‍त द‍िया गया है तो इसका मतलब है आठ बजे बस में होना। जब वह बस में जाते थे तो सीन‍ियर ख‍िलाड़ी वहां बैठे होते थे। वे उनसे पूछते थे- घड़ी में वक्‍त क्‍या हुआ है? तब उन्‍हें समझ आया। फ‍िर वह अपनी घड़ी पांच-दस म‍िनट आगे रखते थे और लेट नहीं होने लगे।

सच‍िन बाएं और दाएं दोनों हाथ का इस्‍तेमाल करते हैं। न केवल बैट‍िंग के ल‍िए, बल्‍क‍ि खाने के ल‍िए भी। अगर उन्‍हें भारतीय खाना खाना है तो दाएं हाथ से खाएंगे। लेक‍िन, अगर भारतीय खाना ही चम्‍मच से खाना हो तो बाएं हाथ से खाएंगे।
Also Read: कराची में जब वकार यूनिस और वसीम अकरम के रिवर्स स्विंग पर हैरान रह गये सचिन, खुद से बोले- मेरे वश का नहीं
बैट‍िंंग के मामले में बचपन में जब स्‍कूल के बाद खेलने के ल‍िए ज्‍यादा वक्‍त नहीं म‍िलता था और दो इन‍िंंग खेलने होते थे तो तय होता था क‍ि एक इन‍िंंग दाएं हाथ से खेली जाएगी और दूसरी बाएं से। इस तरह उन्‍होंने बाएं हाथ से खेलने की भी प्रैक्‍ट‍िस कर ली।

सच‍िन जब टूर पर जाते थे तो मां और ताई के ल‍िए साड़‍ियां लाते थे। साथ ही, पापा और चाचा के ल‍िए कमीज भी खरीदते थे। लेक‍िन, वह शॉप‍िंंग के ल‍िए दुकान या मॉल नहीं जाते थे। होटल पर ही मंगवाते थे और पसंद कर खरीद लेते थे।
एक बार सच‍िन को शैंपेन की एक बोतल म‍िली थी। उन्‍होंने वह बोतल खोली ही नहीं, घर ले आए। कई साल बाद बेटी सारा के पहले बर्थडे पर वह बोतल खुली थी।
Exit mobile version