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सचिन ने पहली बार खिलाई सुशी, हैरान रह गये थे सहवाग, बोले- कच्चा चावल खिला दिये

Virender Sehwag | Crcicket Coach | Team India Cricketer |

टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग और उनकी पत्नी। (फोटो- फेसबुक)

विरेंदर सहवाग (Virender Sehwag) की पत्नी और मां दोनों शाकाहारी हैं। बचपन से घर में शाकाहारी खाना बनता था। पिता बाहर से चिकन मंगाते थे और रोज चिकन खाते थे। सहवाग ने बताया कि उन्हें चिकन मिल नहीं पाता था और उतनी हिम्मत भी नहीं थी कि उनसे मांग लें।

जब सहवाग 17-18 साल के हुए और बाहर जाकर क्रिकेट खेलने लगे तब उनको लगा कि शाकाहारी बहुत खा लिए, अब और नहीं खाएंगे। बाहर जाकर कभी बटर चिकन तो कभी तंदूरी चिकन खाना शुरू किये। अब तो चिकन भी बंद हो गया। अब तो फिश (Fish), प्रान (Prawn), क्रैब्स (Crabs) पर चले गये। फिर सुशी (Sushi) पर आ गये।

सहवाग बोले उन्हें तो पता भी नहीं था कि सुशी नाम की कोई डिश होती है। सचिन तेंदुलकर ने उन्हें कई तरह की डिश के बारे में जानकारी दी। कैसे चाइनीज और जैपनीज खाने को खाना है, कटलरी के साथ कैसे खाते हैं। वह सब उन्होंने सिखाया। चॉपस्टिक्स भी सिखाई लेकिन वह पकड़ी ही नहीं जाती थी।

आस्ट्रेलिया में 2003-04 में बाहर खाना खिलाने ले गये तो वहां सुशी के बारे में बताए। तब वे सहवाग को लेकर एक जैपनीज रेस्टरां में गये। सहवाग ने पूछा कि यहां क्या मिलेगा तो बोले वहां सब कुछ मिलेगा। दाल-रोटी का नाम लिया तो बोले कि दाल रोटी से आगे बढ़ो, बटर चिकन के आगे देखो।

तब सहवाग ने पहली बार सुशी देखी। जिसको आज वे खुशी-खुशी खाते हैं। 2003-04 में पहली बार खाये ते। उसको खाने के बाद सचिन से बोले कि कच्चा चावल खिला दिया। वापस होटल में आए तो सैंडविच और बर्गर आर्डर किये तो वो खाए। उसके बाद पेट भरा।

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