2023 में (24 अप्रैल को) 50 साल के हो चुके सचिन तेंदुलकर ने जब पहला अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच खेला था तब वह मात्र 16 साल और 205 दिन के थे। यह बात 1989 की है। इतने कम उम्र में भारत की ओर से इससे पहले किसी ने अपना टेस्ट कॅरिअर शुरू नहीं किया था। सचिन का यह रिकॉर्ड उनके 50 साल का हो जाने के बाद भी कोई तोड़ नहीं पाया है।
सामने पाकिस्तान की टीम थी और मैदान भी उन्हीं का था
पहले टेस्ट में सामने पाकिस्तान की टीम थी और मैदान भी उन्हीं का था। विरोधी टीम की ताकत ऐसी कि पाकिस्तान में खेले गए 81 मैचों में से वह केवल सात ही हारी थी। और, भारत की टीम में दिलीप वेंगसरकर, मोहिंदर अमरनाथ जैसे दिग्गज नहीं खेल रहे थे।
दूसरी पारी में उन्हें बल्लेबाजी का मौका ही नहीं मिला
सचिन ने कराची में हुए पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में केवल 15 रन बनाए। दूसरी पारी में उन्हें बल्लेबाजी का मौका ही नहीं मिला। इस मैच के बाद जब वह ड्रेसिंंग रूम से बाहर आ रहे थे उनके दिमाग में एक ही बात चल रही थी कि उनसे क्रिकेट नहीं होगा। इस स्तर का खेल उनके वश का नहीं है।
सचिन ने कई लोगों से बात की। लोगोंं ने समझाया यह तो पहला ही मैच था, थोड़ा वक्त तो दो। फैसलाबाद में जब दूसरा टेस्ट मैच हुआ तो उनकी सोच बदल गई थी। दूसरे ही मैच के बाद उनका आत्मविश्वास बढ़ गया और फिर कभी क्रिकेट छोड़ने की बात सपने में भी नहीं आई।
फैसलाबाद में हुए दूसरे टेस्ट मैच में वह ढाई घंटे से भी ज्यादा क्रीज पर डटे रहे। 16 साल की उम्र में वह मुश्किल शॉट भी ऐसे खेल रहे थे जैसे उसे खेलना सबसे आसान काम हो। पाकिस्तान के फैसलाबाद में ही सचिन ने अपने कॅरिअर का पहला अर्द्धशतक बनाया।
सियालकोट में हुए अगले मैच में उनकी नाक पर वकार यूनुस का बाउंसर लग गया। इसके बावजूद उन्होंने खेलना नहीं छोड़ा। उनका कहना था कि उस मैच में हमारी टीम अच्छा कर रही थी और अगर हम वह मैच हार जाते तो बड़े अफसोस की बात होती। उन्होंने इस मैच में भी अर्द्धशतक पूरा किया और टीम को हार से बचा लिया।