सचिन तेंदुलकर की उम्र अब 50 साल से ज्यादा हो चुकी है, उन्होंने अपनी जिंदगी के 24 साल से ज्यादा समय क्रिकेट में गुजारा। अब वह जब पीछे मुड़कर देखते हैं तो उनके पास बताने के लिए बहुत कुछ है। उनके पचासवें जन्मदिन पर फूड एंड ट्रेवल प्लेटफॉर्म यूट्यूब चैनल कर्ली टेल्स का 100वे एपीसॉड था। इस खास मौके पर उन्होंने हॉस्ट कॉमिया जानी के साथ अपनी जिंदगी की बहुत सी बातें शेयर कीं।
वे बताए कि उन्हें क्रिकेट के अलावा खाना बनाने का भी शौक है। उन्होंने बताया कि एक बार पचास लोगों के लिए बैंगन भर्ता बनाया था। इस काम के लिए उन्होंने कोई खास तैयारी नहीं की, लेकिन कितने बैंगन लेने हैं और कितने प्याज काटने हैं सब कुछ रैंडमली किया लेकिन बना बहुत अच्छा और कहीं कोई कमी नहीं निकली।
उन्होंने बॉम्बिल को बॉम्बिल डॉक बनने का भी एक रहस्य बताया। सचिन ने बताया कि बॉम्बिल डॉक या बॉम्बे डॉक जो कि मछली का एक व्यंजन है, पहले सब लोग उसे बॉम्बिल कहते थे। यह बम्बई के डॉकयार्ड में मिलता था। इसी वजह से अंग्रेजों ने इसे डॉक कहना शुरू किया और बाद में इसका नाम बॉम्बे डक पड़ गया।
उन्होंने अपने कैरियर के पहले अंतरराष्ट्रीय मैच में पाकिस्तान टूर की एक घटना बताई। उन्होंने कहा कि जब वह बैटिंग करने उतरे तो वकार की एक बाउंसर में उनकी नाक पर चोट लग गई। वह हेलमेट लगाए थे, लेकिन प्रोटेक्शन ग्रिल नहीं था। जब सीजन बॉल उनकी नाक पर लगी तो बहुत दर्द हुआ। उसके निशान अब भी बने हैं।
कहा कि मैंने बहुत सी स्टोरी सुनी है। क्रिकेट में बॉल लगने पर या तो यह मेक योर कैरियर या फिर ब्रेक योर कैरियर, लकली उनका कैरियर बन गया। उन्होंने कहा कि हम हर दिन एक उम्मीद के साथ शुरू करते हैं और हर शाम एक अनुभव के साथ लौटते हैं।