Rumman Raees: पाकिस्तानी क्रिकेटर रुम्मान रईस जब तीन-चार साल के थे, तभी से उनके हाथ में गेंद और बल्ला आ गये थे, और वह किसी भी प्रोफेशनल क्रिकेटर की तरह ही बचपन से बैटिंग-बॉलिंग करने लगे थे। यह देखकर उनकी सोसायटी के लोग उनके अब्बू से कहते थे कि इसको क्रिकेट की ट्रेनिंग जरूर दिलवाइएगा। आम तौर पर रुम्मान अपने से बड़े बच्चों की नकल करते थे और जब थोड़ा बड़े हुए तो उन्हीं के साथ खेलना शुरू कर दिये थे।
अंडर-15 के लिए टीम में आ गया था नाम, पढ़ाई के लिए नहीं खेले
रुम्मान जब 12 साल के हुए तो एक दिन अपने अब्बू से बोले कि असगर अली स्टेडियम में समर कैंप में जाना है। उस कैंप में गये और वहां जब अंडर-15 के लिए टीम का सेलेक्शन हो रहा था, तब उनका भी उसमें नाम आ गया। हालांकि सब लोगों ने कहा कि बेसिक एजूकेशन पूरी किये बिना क्रिकेट में जाना ठीक नहीं है, लिहाजा वे उसमें नहीं खेले और घर आकर पहले पढ़ाई पूरी की। इंटर करने के बाद 2007 में जब यूबीएल में समर कैंप लग रहा था तो उसके लिए वे अपने अब्बू से चार महीने का वक्त मांगा।
रुम्मान ने वादा किया कि अगर चार महीने में कोई नतीजा न निकला तब वे वहीं करेंगे जो अब्बू कहेंगे। और अगर इन चार महीनों में वे क्रिकेट में अच्छा कर गये तो वे उसमें आगे जाएंगे। इस दौरान कैंप में जब रुम्मान ने बॉलिंग शुरू की तो उनका स्विंग वैसा का वैसा ही रहा, जैसे 12 साल की उम्र में था। अब वह 19 साल के हो गये थे। उनका टैलेंट देखकर पूर्व क्रिकेटर मंसूर अख्तर ने उनको अपनी सीनियर टीम के साथ प्रैक्टिस करने में लगा दिया। इससे रुम्मान को लगा कि उनमें कुछ बात तो है।
एक महीने तक प्रैक्टिस करने के बाद यूनाइटेड बैंक लिमिटेड (UBL) की मुख्य टीम में क्रिकेट खेलने के लिए ऑफर मिला। रुम्मान ने अपने अब्बू को ऑफर के बारे में बताया और कहा कि आकर ऑफिस में मिल लें। रुम्मान ने इसका पूरा श्रेय मंसूर अख्तर और तब के बॉलिंग कोच महमूद रशीद को दिया। दोनों लोगों ने रुम्मान के अब्बू को यह समझाया कि उनमें बहुत टैलेंट है। इसे जाने न दें। रुम्मान ने यूबीएल की ओर से खेलना शुरू किया और उनकी पहली सेलरी पांच हजार रुपये थी। यह पैसे जब वे अपने अब्बू को दिये तो उनकी आंखें भर आईं।
उन्होंने कहा कि अब नियमित रूप से क्रिकेट पर टाइम दो। उस समय रुम्मान के पास कोई बाइक या स्कूटर नहीं थी। इसलिए उनके पिता जब अपने ऑफिस जाते थे तो रुम्मान को प्रैक्टिस के लिए स्टेडियम तक छोड़ते थे। जब वे पहली बार बड़े मैच में खेले और घर वालों ने टीवी पर देखा तो सबको लगा कि इनमें वाकई में पोटेंशियल है।
रईस को 2016 आईसीसी विश्व ट्वेंटी20 टूर्नामेंट में पाकिस्तान की टीम में चुना गया था, लेकिन घुटने की चोट के कारण उन्हें बाहर होना पड़ा। उन्होंने 27 सितंबर 2016 को वेस्टइंडीज के खिलाफ पाकिस्तान के लिए अपना पहला ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय (टी20ई) मैच खेला।
इसके बाद 2017 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान की टीम के खिलाड़ी वहाब रियाज के घायल होने पर उनकी जगह रुम्मान रईस को लिया गया था। इसके बाद 14 जून को इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में घायल मोहम्मद आमिर की जगह एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में उन्होंने डेब्यू किया। इसमें उन्होंने 44 रन देकर दो विकेट लिये।
अक्टूबर 2017 में, यूनाइटेड बैंक लिमिटेड और लाहौर व्हाइट्स के बीच 2017-18 कायद-ए-आज़म ट्रॉफी मैच के दौरान, उन्होंने खेल की दूसरी पारी में 25 रन देकर नौ विकेट लिए थे। ये पाकिस्तान में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में दूसरा सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड था।
3 जून 2018 को, उन्हें ग्लोबल टी20 कनाडा टूर्नामेंट के उद्घाटन संस्करण के लिए खिलाड़ियों के ड्राफ्ट में टोरंटो नेशनल्स के लिए खेलने के लिए चुना गया था। मार्च 2019 में उन्हें पाकिस्तान कप के लिए टेरीटोरियल स्क्वॉड की टीम में नामित किया गया था।