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जान‍िए, सच‍िन के साधारण इंसान बने रहने में पेड़े का क्‍या है रोल

Sachin Tendulkar | Team India Cricketer |

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर। (फोटो- फेसबुक)

टीम इंड‍िया के पूर्व क्र‍िकेटर सच‍िन तेंदुलकर क्र‍िकेट के भगवान कहे जाते हैं। यह एक बात ही यह बताने के ल‍िए काफी है क‍ि वह क्र‍िकेट में क‍िस स्‍तर की महानता हास‍िल कर चुके थे। लेक‍िन, इतनी सफलता पा लेने के बाद भी कभी उनके ऊपर सफलता का गुरूर नहीं द‍िखा। वह हमेशा जमीन से जुड़े, साधारण इंसान के रूप में ही द‍िखे। इसकी वजह क्‍या है?

खूब सारे रन बनने पर भी घर में कोई बड़ा जश्‍न नहीं होता था

एक इंटरव्‍यू में जब सच‍िन से यह सवाल पूछा गया तो उन्‍होंने बताया क‍ि स्‍कूल के द‍िनों में जब खूब सारे रन बनाते थे तब घर पर कोई बड़ा जश्‍न नहीं होता था। बस पेड़े का एक छोटा सा ड‍िब्‍बा बप्‍पा (गणेश भगवान) को चढ़ाया जाता था और उन्‍हें शुक्र‍िया अदा करते हुए आगे भी कामयाबी देते रहने की दुआ मांगी जाती थी। मतलब ऐसा नहीं होता था क‍ि घर पर ही उन्‍हें सुपरस्‍टार बना द‍िया गया हो।
इस बात का असर ताउम्र रहा और महान बनकर भी जमीन से जुड़ा इंसान बने रहने में इसका बड़ा रोल रहा।
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क्र‍िकेट में सच‍िन ने लगभग हर तरह की कामयाबी पाई, लेक‍िन बड़ा जश्‍न कभी-कभार ही देखने को म‍िला। जब उनका 200वां टेस्‍ट हुआ तब उन्‍होंने काफी सारे लोगों को न्‍योता द‍िया था। यह उनके ल‍िए भावुक करने वाला पल था, क्‍योंकि‍ इसे देखने उनकी मां आई थीं। इससे पहले उनकी मां ने उन्‍हें खेलते हुए कभी नहीं देखा था।

सच‍िन की पत्‍नी भी कभी स्‍टेड‍ियम आकर सच‍िन को खेलते नहीं देखती थीं। 2004 में ऑस्‍ट्रेल‍िया में जब सबकी पत्‍न‍ियां आई थीं तो सच‍िन ने भी अंजल‍ि से कहा, लेक‍िन उन्‍होंने मना कर द‍िया। उन्‍हें लगता था क‍ि वह जाएंगी तो सच‍िन अच्‍छा खेल नहीं पाएंगे। सच‍िन ने कहा- तुम्‍हें छ‍िपा देंगे। मैं तुम्‍हें देख नहीं सकूंगा। काफी मान-मनौवल के बाद वह आने को राजी हुईं।

जब मैच हुआ तो सच में सच‍िन अच्‍छा नहीं खेल पाए। वह सस्‍ते में आउट हो गए। यह देख अंजल‍ि चुपके से उठीं और चली गईं। उसके बाद वह फ‍िर कभी पत‍ि का मैच देखने स्‍टेड‍ियम नहीं पहुंचीं।
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