Harbhajan Singh | Mohammad Kaif | Team India
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जब अंग्रेजी न आने से कैफ को रिसेप्शनिस्ट ने नहीं दी चाबी, कोच श्रीकांत से बोले ‘इन्ना पोड़े सांडिला’

क्रिकेट खिलाड़ियों को चाहे वह नेशनल टीम में हो या डामेस्टिक टूर्नामेंट खेल रहे हों, अक्सर अंग्रेजी की समस्या से जूझना होता है। देश में ही विदेशी खिलाड़ी हो या विदेश दौरों में जाएं, वहां के लोगों से उनका सामना होता ही है। इस दौरान सबसे बड़ी समस्या उनको होती है, जिनकी अंग्रेजी बहुत खराब होती है।

क्रिकेट और कॉमेडी डिजिटल शो “WHAT THE DUCK” में हॉस्ट विक्रम साठाये (Vikram Sathaye) के साथ बातचीत में मोहम्मद कैफ और हरभजन सिंह ने अपने अनुभवों को साझा किया।

अंडर-15 वर्ल्ड कप खेलने इंग्लैंड गए तो हुआ ड्रामा

मोहम्मद कैफ ने बताया कि जब 1996 में अंडर-15 वर्ल्ड कप खेलने इंग्लैंड गए तो वहां रिसेप्शन पर लेडी बैठी थी। वहां रूल था ‘Key’ यानी रूम की चाबी जमा करके बाहर जाना होता था और वापसी में मांगने पर वह मिल जाती थी।  कैफ ने बताया कि जब मैं आया तो मैंने कहा कि ‘Key’ तो उसने कहा- Say may I have key please. मैंने फिर कहा- key please. उसने फिर कहा- Say may I have key please.

रूम पार्टनर को भेजा तब जाकर मिल सकी चाबी

कैफ बोले- यूरोप में पूरा कल्चर है, अगर आप उनको ठीक से बोलोगे नहीं तो वे रिस्पांड नहीं करेंगे। तो मैं ऊपर चला गया। मैंने कहा कि छोड़ो यह समझ नहीं पा रही है। मैंने अपने रूम पार्टनर को भेजा, उसको थोड़ा अंग्रेजी आती थी। मैंने कहा- भाई वह मेरे वश की नहीं, जाओ उससे Key लेकर आओ, मैं यहीं वेट कर रहा हूं। तो यह शुरुआत में होता है सबके साथ। फिर 1998 में भज्जी के साथ वर्ल्ड कप में खेले।

वहां श्रीकांत सर कोच थे। उनको हिंदी न आए और हमें अंग्रेजी न आए। तो जो तमिल के बच्चे थे उनसे वे तमिल में बात करते थे, और बाकी सबसे अंग्रेजी में करते थे। हमें न तमिल आए न अंग्रेजी आए तो हम बीच में फंस गये। तो हम एक वर्ड यूज करते थे इन्ना पोड़े सांडिला।

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हरभझन विकेट लें तो इन्ना पोड़े सांडिला, छक्का मारे तो इन्ना पोड़े सांडिला। मैच जीत गये तो इन्ना पोड़े सांडिला। इसका मतलब क्या है पता नहीं था। बस हम कहीं भी जा रहे हैं, बस में सफर कर रहे हैं इन्ना पोड़े सांडिला। यही बोलता था।

दूसरी तरफ हरभजन सिंह की अपनी अलग दिक्कत थी। वह मोहाली में मुंबई बनाम पंजाब का मैच खेल रहे थे। इसके बाद उनको आस्ट्रेलिया जाना था। इस दौरान एक अंग्रेजी अखबार के जर्नलिस्ट ने उनसे पूछा कि भज्जी हैव यू डन योर ग्रेजुएशन?

भज्जी बोले उन दिनों मेरे जाने की तैयारी थी तो मेरे दिमाग में था कि वह रिजर्वेशन के बारे में पूछ रहा है तो मैंने कहा कि हां-हां सर रिजर्वेशन हो गया है। उसने कहा- नो-नो, हैव यू डन ग्रेजुएशन? भज्जी को यह समझ में नहीं आई तो उन्होंने कहा कि सर मैं खाना खाकर आता हूं तो बताता हूं।

वेंकट नटराजन खेल पत्रकार हैं। क्रिकेट में इनकी ना केवल रुचि है, बल्कि यह क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी भी रह चुके हैं। क्रिकेट से जुड़े क़िस्से लिखने के अलावा वेंकट क्रिकेट Match Live Update, Cricket News in Hindi कवर करने में भी माहिर हैं।