Ravi Bishnoi Shines Fate: क्रिकेटर रवि बिश्नोई 2020 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में चमक गए थे। उसके बाद पंजाब किंग्स ने उन्हें आईपीएल में ले लिया। इसके लिए उन्हें अच्छी खासी रकम मिली। 2022 में लखनऊ की टीम ने उन पर तगड़ा दांव लगाया और उन्हें चार करोड़ रुपए देकर खरीदा। फिर घरेलू सीरीज के लिए वनडे और टी-20 में भी उनका चयन हुआ।
Ravi Bishnoi Shines Fate: पिता ने कहा था करो पढ़ाई
रवि बिश्नोई के यहां तक पहुंचने का सफर आसान नहीं रहा। कुछ ही साल पहले की बात है जब बिश्नोई फूट-फूटकर रो पड़े थे, क्योंकि उन्हें अंडर-19 के लिए राजस्थान सर्किट में ट्रायल मैच में ही रिजेक्ट कर दिया गया था। उसके बाद उनके पिता मांगी लाल ने उनसे कहा कि क्रिकेट छोड़कर पढ़ाई पर ध्यान दो। तब उनके कोच शाहरुख पठान ने पिता से कहा कि बस एक साल और दे दीजिए।
इसके बाद कोच ने राजस्थान के पूर्व फर्स्ट क्लास क्रिकेटर और राजस्थान रॉयल्स के फील्डिंग कोच दिश्यांत याज्ञनिक से बात की। आग्रह किया कि अधिकारियों से बात करके बिश्नोई को एक और मौका दिलवाएं। बात बन गई।
बिश्नोई को ट्रायल के लिए बुलाया गया। उन्होंने शुरू के दो बॉल में ही अंडर 19 खेलने वाले राज्यस्तरीय खिलाड़ी को दो-दो बार आउट कर दिया। चयनकर्ताओं को यकीन हो गया कि लड़के में प्रतिभा है। वीनू मांकड़ ट्रॉफी के पहले ही मैच में रवि बिश्नोई ने 5 विकेट लेकर अपनी प्रतिभा साबित भी कर दी। उसके बाद से बिश्नोई को पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा।
बिश्नोई जब नेशनल क्रिकेट एकेडमी में ट्रेनिंग ले रहे थे तो हालत यह थी कि उन्हें मजदूरी करनी पड़ी थी। मैदान को मैच के लायक बनाने के लिए जो मजदूर काम करते थे उनमें एक मजदूर खुद रवि बिश्नोई भी हुआ करते थे। लेकिन अब संघर्ष के वो दिन बीत गए हैं।
स्कूल में हेडमास्टर रहे रवि के पिता मांगी लाल भी पुरानी बातें याद करते हैं तो हंसी आ जाती है। उनका कहना होता है कि उस समय बेटे को रोता देख अच्छा नहीं लगता था, इसलिए मैं कहता था कि क्रिकेट छोड़ पढ़ाई पर ध्यान देगा तो कोई नौकरी मिल ही जाएगी। लेकिन, मास्टर जी का बेटा आज अपने पिता को गलत साबित कर चुका है। उन्होंने कहा कि मेहनत अंतत: बेकार नहीं जाती है।