Raksha Bandhan Special
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Raksha Bandhan Special: बहनों का सपोर्ट न होता तो क्रिकेट को न मिलते ये नायाब हीरे, बहनों के सपोर्ट से बने महान क्रिकेटर

Raksha Bandhan Special: हर इंसान की कामयाबी के पीछे किसी न किसी का हाथ होता है। क्रिकेट में भी कई खिलाड़ी ऐसे हैं जिनकी कामयाबी के पीछे उनके अपनों का बड़ा हाथ है। चलिए रक्षाबंधन के मौके पर क्रिकेट के उन सितारों की बात करते हैं, जिनकी सफलता के पीछे और किसी का नहीं बल्कि उनकी बहनों का बड़ा रोल है।

Raksha Bandhan Special: बहनों का सपोर्ट न होता तो कोई टीटी होता तो कोई ट्रक ड्राइवर

भारतीय टीम के कुछ खिलाड़ियों की जिंदगी में उनकी बहनों का अहम रोल है, और उनके सपोर्ट की वजह से ही इन खिलाड़ियों की किस्मत रातों-रात चमक गई।

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सचिन तेंदुलकर

Raksha Bandhan Special: इस लिस्ट में सबसे पहला नंबर आता है क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर का। सचिन ने कई बार अपनी सक्सेस का क्रेडिट अपनी बहन को दिया है। सचिन की कामयाबी के पीछे उनकी बहन सविता का अहम रोल है। सचिन की बहन ने सबसे पहला कश्मीरी विलो बैट सचिन को गिफ्ट किया था। सचिन और उनकी बहन के बीच इतना प्यार था कि सचिन तेंदुलकर के मैच के दिन उनकी बहन हमेशा व्रत रखा करती थीं।

महेंद्र सिंह धोनी

Raksha Bandhan Special: लिस्ट में दूसरे नंबर पर हैं कैप्टन कूल यानी टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी। धोनी आज जिस मुकाम पर हैं वहां पहुंचना आसान नहीं था लेकिन बहन के सपोर्ट की वजह से माही ने दुनिया को अपने कदमों पर ला खड़ा किया।

धोनी के पिता खेलकूद के बिलकुल खिलाफ थे जिसकी वजह से उन्हें कुछ दिनों के लिए टिकट कलेक्टर की नौकरी भी करनी पड़ी लेकिन बहन ने पिता के खिलाफ जाकर धोनी का साथ दिया जिसकी वजह से माही आज आसमान की बुलंदियों को छू रहे हैं।

विराट कोहली

Raksha Bandhan Special: लिस्ट में तीसरे नंबर पर हैं भारतीय टीम की रन मशीन कहे जाने वाले विराट कोहली। विराट कोहली का उनकी बहन ने काफी साथ दिया। कोहली जब सिर्फ 18 साल के थे तभी उनके पिता का निधन हो गया था लेकिन उसके बाद उनकी बहन ने कोहली को पूरा सपोर्ट किया।

किंग कोहली ने कई बार इस बात का जिक्र किया है कि वो अपनी मां और बहन के सपोर्ट की वजह से ही क्रिकेटर बन पाए हैं।

हरभजन सिंह

Raksha Bandhan Special: चौथे नंबर पर इंडियन टीम के पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह आते हैं। हरभजन सिंह की पांच बहनें है। भज्जी की बहनों के सपोर्ट के बिना शायद वो कभी भी क्रिकेट के मैदान पर बॉलिंग करते हुए नजर न आते। 1998 में टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने वाले भज्जी का शुरुआती करियर कुछ खास नहीं रहा और कुछ समय बाद ही वो टीम से बाहर हो गए थे।

भज्जी टीम इंडिया से ड्रॉप होने के बाद काफी ज्यादा टूट गए और ट्रक ड्राइवर बनने के लिए कनाडा जाने की तैयारी करने लगे लेकिन बहनों ने उन्हें  क्रिकेट को जारी रखने की सलाह दी। भज्जी ने बहनों की बात मानी और रणजी ट्रॉफी में धमाकेदार वापसी की और भारत को हरभजन के रुप में शानदार स्पिनर मिला।

ऋषभ पंत

आखिर में बात करते हैं भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत की जिनकी बहन साक्षी ने पिता के निधन के बाद उन्हें पूरा सपोर्ट किया।  साक्षी ने ऋषभ को हिम्मत दी और क्रिकेट में आगे बढ़ने के लिए सपोर्ट किया। दोनों के बीच में इतना प्यार है कि साक्षी अपने भाई को सपोर्ट करने स्टेडियम भी पहुंच जाती हैं। आईपीएल के मैचों में भी साक्षी उन्हें सपोर्ट करने के लिए पहुंची थीं।