Prithvi Shaw and Guard: क्रिकेट में विपक्षी टीम की रणनीति क्या है और वह किन खिलाड़ियों को मैदान में उतार रही है, कौन ओपनर रहेगा और कौन फिल्ड में कहा खड़ा होगा, यह जानने के लिए हर टीम बेचैन रहती है। टीम के खिलाड़ी विपक्षी टीम के खिलाड़ियों की बातें सुनने की कोशिश करते रहते हैं, इसकी वजह से कई बार कुछ दिक्कत भी आ जाती है।
ऐसा ही एक किस्सा पृथ्वी शॉ ने कहा कि एक बार वह और शिखर धवन मैच में ओपनिंग करने के लिए फिल्ड में जाने को तैयार थे, तभी विपक्षी टीम अपनी रणनीति अपने साथियों से शेयर कर रहे थे। उनको सुनने के चक्कर में पृथ्वी गार्ड पहनना भूल गये। जब वह मैदान में पहुंचे तो आधी दूर जाकर उनको महसूस हुआ कि वह गार्ड नहीं पहने हैं। तब वह फिर वापस आए और अपना गार्ड पहनकर फिर मैदान पर खेलने गये।
Prithvi Shaw Forgot Wear Guard: शुक्र है कि तब तक उसे कोई नुकसान नहीं हुआ था
शिखर धवन ने भी ऐसा ही एक किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा कि एक बार एक खिलाड़ी मैदान मैं पहुंच गया और खेलना शुरू कर दिया। 20-25 रन बनाने के बाद अचानक उसे गार्ड नहीं पहने होने की याद आई, तो वह तुरंत गया और गार्ड पहनकर आया। यह तो शुक्र है कि तब तक उसे कोई नुकसान नहीं हुआ था।
पृथ्वी शॉ मूल रूप से बिहार के गया शहर के रहने वाले हैं। जब पृथ्वी शॉ चार साल के थे, तभी उनकी मां का निधन हो गया था। इसके बाद उनके पिता उनको लेकर महाराष्ट्र के ठाणे चले आये। उन्होंने उनको अकेले पाल-पोसकर बड़ा किया। उनकी पढ़ाई-लिखाई मुंबई के बांद्रा में हुई।
पृथ्वी के पिताजी को क्रिकेट में बहुत रुचि है। वह अपने बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए बहुत ज्यादा परेशान थे। उन्होंने उनको बचपन में ही एक क्रिकेट अकेडमी में डाल दिया था।
शिखर धवन के बारे कहा जाता है कि वे भी बचपन से ही क्रिकेट के दीवाने थे, हालांकि काफी संघर्ष उनको करने पड़े थे। एक बार जब उनको काफी निराशा के दौर से गुजरना पड़ा था, तब वे एक जूता कंपनी में भी काम करने के लिए चले गये थे। बाद में वहां भी मन नहीं लगा और वापस आकर फिर क्रिकेट में ही जुटे।