Praveen Kumar Passion For Cricket: टूर्नामेंट के लिए छोड़ दी थी दसवीं की परीक्षा, खेल वाले जूते खरीदने के लिए प्रवीण ने किया था यह काम
Praveen Kumar Passion For Cricket: पूर्व भारतीय क्रिकेटर प्रवीण कुमार उत्तर प्रदेश के शहर शामली के रहने वाले हैं। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1986 को हुआ था। प्रवीण कुमार दाएं हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज रहे हैं, जो गेंद को दोनों तरफ स्विंग करने की क्षमता और अपनी सटीकता के लिए जाने जाते हैं।
तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार बचपन से ही क्रिकेट के लिए जुनूनी थे। उन्हें क्रिकेट के अलावा और कुछ अच्छा ही नहीं लगता था। उनके पिता चाहते थे कि वह पढ़ाई करें और पहलवानी करें, लेकिन प्रवीण कुमार इससे दूर भागते थे।
Praveen Kumar Passion For Cricket: भाई ने पूछा पेपर कहां है, तो पीछे से किसी ने बोल दिया छक्का शानदार था
एक बार उनके घर के पास एक टूर्नामेंट था। उसी दिन प्रवीण की दसवीं की परीक्षा थी। प्रवीण ने इस टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए परीक्षा ही छोड़ दी। जब वह घर पहुंचे तो भाई ने पूछा कि पेपर कहां है। उनके जवाब देने से पहले ही पीछे से किसी ने बोला कि छक्का शानदार था। भाई समझ गये कि प्रवीण ने परीक्षा नहीं दी है। भाई ने इसकी जानकारी मां को दी। हालांकि मां प्रवीण का दिल नहीं तोड़ना चाहती थी, इसलिए उन्होंने पिता तक यह बात नहीं पहुंचने दी।
बहरहाल प्रवीण किसी तरह क्रिकेट खेलते रहे। जब उनको अंडर-19 खेलने के लिए मौका मिला तो वे बहुत खुश हुए, लेकिन उनके पास क्रिकेट खेलने के लिए जूते नहीं थे। अच्छे ब्रैंड का जूता तीन हजार रुपये का आता था। मां को बताया तो उन्होंने इंतजाम करके एक हजार रुपये दे दिये। दो हजार रुपये अब भी घट रहे थे। प्रवीण ने अपनी साइकिल को एक दुकानदार को बेच दी। और उन पैसों से जूता खरीदा।
प्रवीण ने नवंबर 2007 में पाकिस्तान के खिलाफ एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय (वनडे) मैच में भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। वह अपनी कुशल स्विंग गेंदबाजी के लिए जाने जाते थे और सीमित ओवरों के क्रिकेट में भारतीय टीम के लिए एक मूल्यवान एसेट साबित हुए।
प्रवीण कुमार ने 2008 में इंग्लैंड के खिलाफ भारत की एकदिवसीय श्रृंखला जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। गेंद के साथ उनके लगातार प्रदर्शन ने उन्हें क्रिकेट विशेषज्ञों और प्रशंसकों से समान रूप से प्रशंसा दिलाई थी।