शोएब अख्तर एक ऐसे क्रिकेटर हैं, जिनको चाहने वाले दुनिया में लाखों में हैं। वह हर समय एक्टिव रहते हैं, दौड़ते रहते हैं, चुप नहीं बैठते हैं। हंसी-मजाक करना उनके जिंस में है। वह कहते हैं वह अपने बच्चों के प्यारे बाप हैं और बच्चों के लिए बाप बने रहना उनको पसंद है। 48 साल के हो चुके शोएब अख्तर जिंदगी की हर खुशियां हासिल कर ली हैं, अब उनको और कुछ नहीं चाहिए। अब वह अपनी बेगम और बच्चों के लिए समय देना चाहते हैं।
उन्होंने अपना एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि जब उनसे पूछा जाता था कि निकाह कब करेंगे तो वे कहते थे कि वह तब करेंगे जब बेगम और बच्चों को समय देने के लिए फ्री रहूंगा। उनकी जिंदगी बर्बाद नहीं कर सकता हूं। उन्होंने खुलासा किया कि उनके दो बच्चे हैं और दोनों बेटे हैं, वे दो और किड्स के लिए प्लानिंग कर रहे हैं। एक बेटी चाहते हैं। शायद हो जाए। शोएब ने 38 साल की उम्र में बीस साल की रूबाब खान से निकाह की थी।
Also Read: इंडिया में जाकर हारता था तो दिल को बहुत सुकून मिलता था, जानिए शोएब अख्तर ने ऐसा क्यों कहा
शोएब बोले कि बच्चों को पालना दुनिया का सबसे कठिन काम है। बेगम और मां बच्चों को संभालती हैं। शोएब उनका रिस्पेक्ट करते हैं। कहते हैं कि औरत दुनिया की सबसे अच्छी कौम है।
एक इंटरव्यू में शोएब कहते हैं कि जिंदगी में सब कुछ पा लेने के बाद कुछ और करिये। क्रिकेट के अलाव भी कुछ सोचिये। जब आप एक ऊंचाई तक पहुंच जाते हैं और सब कुछ पा चुके होते हैं तो बस खत्म, अब और कुछ नहीं चाहिए। पूरी जिंदगी नहीं खेल सकते हैं। डिप्रेशन में नहीं जाना है। क्रिकेट के अलावा कुछ असंभव चीज करिये। सब कुछ क्रिकेट ही नहीं हो सकता है। वही मैदान, वही क्रिकेट और वही खेल, नहीं, कुछ और करिये।
रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से जाने जाने वाले शोएब अख्तर पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर हैं। वह दुनिया के सबसे तेज गेंदबाजों में से एक हैं। केप टाउन के न्यूलैंड्स में 2003 के विश्व कप मैच में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 161.3 किमी/घंटा (100.23 मील प्रति घंटे) की गति से बॉलिंग की थी। शोएब अख्तर के नाम वनडे में सबसे तेज 50 विकेट लेने का रिकॉर्ड है। उन्होंने यह उपलब्धि महज 28 मैचों में हासिल की है।