पाकिस्तान टीम में एक ऐसे क्रिकेटर भी हैं जो काफी चर्चित रहे और वह काफी देर से क्रिकेट में कदम रखे। जब वह तीस साल के थे तब वह पहली बार पाकिस्तान की राष्ट्रीय टीम में शामिल हो सके। इसके अगले साल यानी 31 वर्ष की अवस्था में वे टेस्ट क्रिकेट में कदम रखे। इसके बावजूद वह काफी सफल रहे और कई बार देश के नंबर वन क्रिकेटर बनने का पदक जीते। उनका नाम सईद अजमल (Saeed Ajmal) है।
पाकिस्तान टीवी कॉमेडी शो ‘हंसना मना’ में हॉस्ट ताबिश हाशमी (Tabish Hashmi) से बात करते हुए उन्होंने एक किस्सा बताया। उन्होंने 2010 में टी20 वर्ल्ड कप वह किस्सा बताया जिसमें पाकिस्तान की टीम सेमीफाइनल में हार गई थी और हार की वजह सईद अजमल की गेंदबाजी थी। उसको लेकर उनकी काफी आलोचना हुई थी, वे ट्रोल हुए और हर तरफ उन पर कमेंट हो रहे थे।
2010 में टी20 वर्ल्ड कप वेस्टइंडीज में हुआ था। इसका सेमीफाइनल ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच था। इसमें आस्ट्रेलिया के बैट्समैन माइकल हसी (Michael Hussey) ने पाकिस्तान की टीम के खिलाफ जबर्दस्त तरीके से खेलते हुए उनको बुरी तरह हरा दिया था। इससे ऑस्ट्रेलिया वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंच गया था। उस मैच में ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 192 रनों की जरूरत थी।
Also Read: मोइन खान बोलते थे कि सैकी जब मैं कहूं तब ‘दूसरा’ फेंकना, सकलैन मुश्ताक ने बताया ‘दूसरा’ का किस्सा
टीम ने 13 ओवर तक 105 रन बनाकर 5 विकेट गंवा दिए थे। सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे माइकल हसी ने जबर्दस्त पारी खेलते हुए ऑस्ट्रेलिया को जीत के करीब ला दिया। आखिरी ओवर में जीत के लिए केवल 18 रन की जरूरत थी। इस दौरान पाकिस्तान की ओर से आखिरी ओवर फेंकने के लिए सईद अजमल मैदान पर थे। हसी ने सईद अजमल की गेंदों की जमकर पिटाई करते हुए 3 छक्के और 1 चौके समेत 22 रन बनाकर टीम को जीत दिला दी। मैच में हसी ने सिर्फ 24 गेंदों पर नाबाद 60 रन बनाये थे।
अजमल ने बताया कि उसके बाद जब अपने घर जाने लगे तो पाकिस्तान में एयरपोर्ट से घर तक इतनी बार माइकल हसी की आवाजें उनके कानों में गूंजी कि वे पागल हो गये थे। वे आठ दिन तक घर से नहीं निकले थे। इसके बाद उनके वालिद साहब उनके पास आए और बोले कि इसका जवाब ग्राउंड में देना। घर बैठे रहोगे तो टीम से बाहर हो जाओगे।
उन्होंने कहा कि ग्राउंड में जा और मेहनत कर हमें एक साल के अंदर पहले वाला सईद अजमल चाहिए। इसके बाद सईद बाहर निकले और अपनी मेहनत बढ़ाई, स्किल सीखी, ‘दूसरा’ का रिब्स बढ़ाई, उसकी पेस बढ़ाई और नतीजा निकला वनडे, टी20 और टेस्ट में नंबर वन बने। 2010 में माइकल हसी ने उनकी गेंदों की धुनाई की थी, लेकिन 2011, 2012 और 2013 में उन्होंने 326 विकेट लिये।