पाकिस्तान के स्पिनर और गेंदबाजी से कई बार देश को फतह दिलाने वाले अब्दुर रहमान (Abdur rehman) ने एक बार एशिया कप में बांग्लादेश के खिलाफ बॉलिंग करते हुए एक के बाद एक तीन नो बॉल फेंक दिया। इससे उनका कैरियर ही खत्म हो गया। नादिर अली पॉडकास्ट को दिए इंटरव्यू में उन्होंने इसका पूरा किस्सा बताया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के खिलाफ मैच से एक हफ्ते पहले वे अनफिट थे और उनके हाथ की वेंस में कुछ प्राब्लम थी। बॉल को थ्रो करते हुए दिक्कत हो रही थी। अहमद सज्जाद, उमर अकमल और सईद अनवर पुराने बॉल से लांग थ्रो कर रहे थे। उसमें वेंस दब गई और हाथ थोड़ा अनफिट हो गया।
इसके बाद एक हफ्ते तक बॉलिंग नहीं की। अगले दिन जब बॉलिंग शुरू की तो उस दिन भी फुलटॉस गेंदे जा रही थी। उंगलियां बंद नहीं हो रही थीं। वह एशिया कप का मैच था। उसके पहले एक साल तक मैच नहीं खेले थे। जब बांग्लादेश के साथ मैच शुरू होने वाला था तब कप्तान मिस्बाह उल हक ने पूछा भी कि बॉलिंग करोगे या नहीं तो अब्दुर रहमान ने कहा कि प्रैक्टिस में अगर अच्छा रहा तो जरूर खेलूंगा। जब प्रैक्टिस उनकी अच्छी गई, लेकिन मैच शुरू हुआ तो उसमें एक के बाद एक गलत बॉल चले गये और मुझे बाहर कर दिया गया।
अब्दुर रहमान का कहना है कि यह उनकी गलती थी, वह इंज्योर्ड थे, उन्हें नहीं खेलना चाहिए था। कुछ दिन और इंतजार करते तो टीम में बने रहते। टीम में जगह बनाने के लिए वह गोल्डन चांस था, क्योंकि सईद अकमल अपने एक्शन की वजह से फंसे हुए थे। सईद भी वनडे से बाहर हो रहे थे और हफीज भी इतनी बॉलिंग नहीं करते थे। तब टीम में बने रहने के लिए अच्छा अवसर था, लेकिन अपनी गलती की वजह से टीम में जगह नहीं बना सका। अंपायर ने मैच में कहा था कि ऐसा रूल है कि अगर आप तीन नो बाल फेंक दिये तो अगला ओवर नहीं फेंक सकते हैं।
वह सेमीफाइनल मैच था। उस गलती की वजह से कप्तान पर दबाव पड़ा और उनको संघर्ष करना पड़ा। अब्दुर रहमान ने कहा कि अगर वह गलती न किये होते तो अभी कैरियर बचा रहता। उस गलती के बाद कैरियर वहीं खत्म हो गया।
अब्दुर रहमान ने एक और किस्सा बताया। कहाकि जब एक मैच में वह मैन ऑफ द मैच चुने गये तो पूरी टीम ने उन्हें गले लगाया और जब वह बाहर हुए तो किसी ने हालखबर लेना भी उचित नहीं समझा। ऐसा लगता था कि जैसे हर खिलाड़ी चाह रहा हो कि यह जाए तो वे अपना खिलाड़ी टीम में शामिल कराये।