Saqlain Mushtaq | Pakistan Player | Cricket |
Stories

कॅर‍िअर खत्‍म होने के बाद सकलेन मुश्‍ताक (Saqlain Mushtaq) के सपने में आए उस्‍ताद और आ गया था ज‍िंंदगी को दोबारा पटरी पर लाने का आइड‍िया

सकलेन मुश्‍ताक (Saqlain Mushtaq) पाक‍िस्‍तान के पूर्व क्र‍िकेटर हैं। उनकी ज‍िंदगी से जुड़ी एक कहानी बड़ी प्रेरक है। उनकी ज‍िंदगी में एक शख्‍स ऐसा रहा ज‍िसने उन्‍हें एक बॉल फेंकना नहीं स‍िखाया, लेक‍िन सकलेन उन्‍हें सबसे बड़ा उस्‍ताद (गुरु) मानते रहे। ताउम्र। उस शख्‍स का नाम अहमद साहब था।

बचपन में सकलेन जब क्र‍िकेट की प्रैक्‍ट‍िस करते थे तो रोज शाम को अहमद साहब उनसे पूछते थे- क‍ितने आउट क‍िए? सकलेन जवाब द‍िया करते थे। अहमद साहब ने कहा- एक डायरी में ल‍िखा करो। सकलेन ल‍िखने लगे।

Also Read: जब सकलेन को सच‍िन ने प‍िला द‍िया था पानी, मुश्‍ताक को डालने पड़ गए थे ह‍थ‍ियार

अहमद साहब रोज पूछते और सकलने जवाब द‍िया करते। जब डायरी भर गई तो सकलेन ने टोटल क‍िया। संख्‍या हजारों में बनी। अहमद साहब को बताया। वह बड़े खुश हुए। तुरंत जेब से दस रुपए न‍िकाले और म‍िठाई मंगवा कर बंटवाई। और, सकलेन से कहा- अब नई डायरी ले आओ।

अगले द‍िन अहमद साहब ने एक नया सवाल क‍िया- क‍िसे और कैसे आउट क‍िया? फ‍िर यह सवाल भी रोज दोहराया जाने लगा। सकलेन जवाब देते रहे और डायरी में ल‍िखते रहे।

Also Read: 20 के हुए सुयश शर्मा, होटल रूम में केकेआर के साथ‍ियों के बीच कटा केक  

जब सकलेन अंडर 19 में खेल रहे थे तो एक द‍िन अहमद साहब ने फ‍िर एक सवाल जोड़ा। क्‍या और विकेट ले सकते सकते थे? सकलेन ने कहा- हां। उस्‍ताद ने पूछा- फ‍िर ल‍िया क्‍यों नहीं? सकलेन का जवाब सुन अहमद साहब बोले- इस मानस‍िकता से खेलो क‍ि एक भी व‍िकेट छोड़ना नहीं है।

 

अहमद साहब के इन चार सवालों से सकलेन मुश्‍ताक की खेल की सोच व‍िकस‍ित होती गई और यह पूरे उम्र उनके काम आई। इस सोच का नतीजा यह रहा क‍ि वह ज‍िस भी पर‍िस्‍थ‍ित‍ि में जो भी बोल‍िंंग करते थे सोच यही होती थी क‍ि आउट करना है।

अहमद साहब का एक और बड़ा असर सकलेन की ज‍िंंदगी में हुआ। यह तब की बात है जब घुटनों की सर्जरी के चलते वह बैसाखी पर थे और उनका क्र‍िकेट कॅर‍िअर खत्‍म हो गया था, बचत के पैसों से घर चल रहा था और पूरा पर‍िवार न‍िराशा के भंवर में था।

पत्‍नी को हौंसला देने के ल‍िए उन्‍होंने एक द‍िन कह द‍िया क‍ि कुछ नहीं हुआ तो लंदन में टैक्‍सी चला लूंगा। यह बात सुन पत्‍नी रो पड़ी थीं। तभी एक रात अहमद साहब सकलेन के सपने में आए। सपने में भी वही सवाल-जवाब का स‍िलस‍िला। जगते ही सकलेन के द‍िमाग में आया क‍ि को‍च‍िंंग शुरू करते हैं। फ‍िर उन्‍होंने लेवल 1 से शुरू कर कई देशों के कोच बनते हुए पाक‍िस्‍तानी टीम तक के भी कोच बने।

वेंकट नटराजन खेल पत्रकार हैं। क्रिकेट में इनकी ना केवल रुचि है, बल्कि यह क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी भी रह चुके हैं। क्रिकेट से जुड़े क़िस्से लिखने के अलावा वेंकट क्रिकेट Match Live Update, Cricket News in Hindi कवर करने में भी माहिर हैं।