Pak Women Cricketer Nashra Sundhu: पाकिस्तान महिला क्रिकेट टीम की फास्ट बॉलर नाशेरा संधू (Nashra Sundhu) बचपन में घर में ही अपने भाई, पिता और मामा के साथ क्रिकेट खेलती थीं। वह पढ़ाई के साथ ही खेलती थीं। इस दौरान एक दिन उनकी एक टीचर ने उनको खेलते देखा तो सलाह दी कि कोई एकेडमी ज्वाइन कर लो, क्योंकि स्कूल में क्रिकेट खेलने की कोई खास सुविधा नहीं थी। एक दिन वह घर जा रही थी तो उनको एक एकेडमी के बारे में पता चला।
Pak Women Cricketer Nashra Sundhu: देश में महिला क्रिकेट टीम को नहीं जानती थी नाशेरा
नाशेरा वहां गईं तो पता चला कि वह ब्व़ॉयज एकेडमी है, लेकिन एक दो लड़कियां भी वहां ट्रेनिंग ले रही थीं। नाशेरा ने उसको ज्वाइन कर लिया। वह स्कूल के बाद एकेडमी जाया करती थीं। इस दौरान नाशेरा फास्ट बॉल फेंकती थीं। लेकिन वहां उनको ज्यादा चांस नहीं मिलता था। लड़के बहुत ज्यादा थे। नाशेरा केवल शौकिया वहां गई थीं। उन्हें यह पता भी नहीं था कि देश की महिला क्रिकेट टीम भी है।
बहरहाल एक दिन उनको पीसीबी की आयशा मैडम मिलीं तो उन्होंने सलाह दी कि लाहौर कॉलेज में ट्रायल दो। नाशेरा ने वहां ट्रायल दिया तो वहां उनका हो गया और वे स्पोर्ट्स कॉलेज मे एडमीशन पा गईं। कॉलेज के कोच शाहिद सर ने नाशेरा से कहा कि स्पिन बॉलिंग करके दिखाओ। नाशेरा अपने घर में जब खेलती थीं तो वे पांच बाल फास्ट करती थीं और एक बाल स्पिन करती थीं। इससे उनकी दोनों की प्रैक्टिस थी।
जब कोच के कहने पर उन्होंने स्पिन बॉल फेंक कर दिखाया तो उन्होंने कहा कि स्पिन बॉलिंग की ही प्रैक्टिस करो, फास्ट बॉलिंग की नहीं, क्योंकि फॉस्ट बॉलिंग के लिए हाइट भी नहीं है।
नाशेरा का क्रिकेट सफर स्पोर्ट्स कॉलेज से यूनिवर्सिटी, फिर अंडर-19 और फिर अंडर-21 तक होते हुए नेशनल कैंप तक पहुंच गया। नाशेरा ने कहा कि उनका कभी रिजेक्शन नहीं हुआ, क्योंकि वह कॉलेज लेवल पर इंटर बोर्ड टूर्नामेंट खेली और भी कई टूर्नामेंट्स खेली, हर जगह सफल रहीं तो उन्हें आगे बढ़ने के अवसर मिलते रहे। जब कैंप में नाम आया फिटनेस कैंप के लिए तब वहां भी फिट रहीं और इस तरह वे मेन टीम में पहुंच गईं।