Off-Spin Bowler Ravichandran Ashwin: एक दिन की बात है। आर. अश्विन भारत और श्रीलंका के बीच चल रहा एक क्रिकेट मैच देख रहे थे। इस मैच में भारतीय गेंदबाजों की धज्जियां उड़ रही थीं। अश्विन के पसंदीदा क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भी इस मैच में खेल रहे थे। सचिन ने जो भी रन बनाए थे, भारतीय गेंदबाजों ने अपनी बल्लेबाजी से उसे बेमतलब कर दिया था।
Off-Spin Bowler Ravichandran Ashwin: बचपन की उस सोच ने बदल दी देश की दिशा
यह मैच देखते-देखते ही अश्विन ने मन ही मन सोच लिया कि एक दिन उन्हें बॉलर बनना है। उनके दिमाग में यह सवाल कौंधा कि क्या मैं आज के गेंदबाजों से बेहतर बॉलर नहीं बन सकता? हालांकि इस तरह का खयाल आना और इस तरह से सोचना बचकानी हरकत थी, लेकिन अश्विन के साथ ऐसा ही हुआ था। और, इसी सोच के बाद उन्होंने ऑफ-स्पिन गेंदबाजी शुरू की थी।
तो इस तरह अश्विन की ऑफ-स्पिन गेंदबाजी की शुरुआत हुई और वह बेहतरीन बॉलर बने। लेकिन, ऐसा क्या हुआ कि एक दिन उन्हें कहना पड़ा कि अच्छा होता अगर वह गेंदबाज नहीं, बल्कि बल्लेबाज होते। एक अंग्रेजी अखकार को दिए इंटरव्यू में अश्विन ने कहा कि मुझे अच्छा बल्लेबाज नहीं होने का अफसोस रहेगा। मुझे बॉलर बनना ही नहीं चाहिए था। अश्विन ने कहा कि कुछ लोगों ने उनकी नकारात्मक छवि बनाई और इस वजह से कई बार उन्हें टीम से बाहर रहना पड़ा। इस वजह से वह सदमे में भी रहे।
अश्विन ने टीम के खिलाड़ियों के बीच की बाउंडिंंग पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि अब साथी क्रिकेटर्स पहले की तरह दोस्त नहीं, बल्कि कलीग्स होते हैं। उन्होंने कहा- एक वक्त होता था जब टीम में साथ खेलने वाले क्रिकेटर्स आपके दोस्त हुआ करते थे। अब वे कलीग्स होते हैं। हर किसी को खुद को आगे बढ़ाने की पड़ी रहती है।
आर. अश्विन का जन्म 17 सितंबर, 1986 को चेन्नई (तब मद्रास) में हुआ था। वह दाएं हाथ के बल्लेबाज और दाएं हाथ के ऑफब्रेक बॉलर हैं। उन्होंने 5 जून, 2010 को हरारे में श्रीलंका के खिलाफ पहला अंतरराष्ट्रीय एक दिवसीय (ODI) मैच खेला था। उनका टेस्ट डेब्यू नवंबर 2011 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ दिल्ली में हुआ था।
अश्विन को 2023 में डब्ल्यूटीसी फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलने वाली भारतीय टीम में शामिल नहीं किया गया था। दुनिया के नंबर 1 गेंदबाज होने के बावजूद उन्हें प्लेइंग 11 से बाहर रखा गया। मैच से 48 घंटे पहले उन्हें इस बारे में पता चला। अश्विन ने कहा कि उनके साथ पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है, इसलिए वह इसे झटका नहीं मानते।