Yuvraj Singh: बात जुलाई 2002 की है। भारतीय टीम इंग्लैंड में थी। वहां नेटवेस्ट ट्राफी मैच खेलने गई थी। इस दौरान फाइनल में इंग्लैंड की टीम ने 325 रन का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। इसे देखकर ऐसा लगा कि टीम हारकर भारत लौट आएगी। लेकिन हुआ कुछ और ही, भारत जीता और बहादुरी के साथ जीता। इस जीत के हीरो बने युवा बैट्समैन मोहम्मद कैफ और युवराज सिंह।
गांगुली ने लार्ड्स मैदान की बालकनी से टीशर्ट उतारकर लहराई थी
इस मैच में कई नई बातें हुईं। पहला भारत के सामने 326 रन बनाने का बड़ा लक्ष्य इंग्लैंड टीम ने रखा था। दूसरा इसी मैच में कप्तान सौरव गांगुली ने जीतने के बाद लार्ड्स मैदान की बालकनी से अपनी टीशर्ट उतारकर लहराई थी। जो क्रिकेट जगत में कई दिनों तक चर्चा का विषय बना रहा।
उस ट्राफी में शामिल रहे राहुल द्रविड़, मोहम्मद कैफ और अजित अगरकर ने अभिनेता और क्रिकेट एन्थ्यूजिएस्ट अपारशक्ति खुराना के साथ क्रिकेट डायरी शो में कई बातें शेयर कीं।
15 साल बाद राहुल द्रविड़ ने विकेट कीपिंग की
इस मैच में राहुल द्रविड़ से विकेट कीपिंग कराई गई। इसका भी किस्सा बड़ा मजेदार है। कप्तान सौरव गांगुली ने राहुल द्रविड़ से पूछा कि विकेट कीपिंग करोगे तो उन्होंने कहा कि 15 साल से नहीं किया है, अब कैसे करूं। दादा सौरव गांगुली ने कहा कि ट्राई करो। बहरहाल राहुल द्रविड़ ने किया।
इस बात को लेकर मोहम्मद कैफ ने खुलासा किया कि राहुल द्रविड़ अगर विकेट कीपिंग न करते तो मेरा बैटिंग करने का चांस सातवें नंबर पर नहीं आता। उन्होंने कहा कि मैं राहुल जी को धन्यवाद देता हूं। आम तौर पर सातवें नंबर पर वह बैट्समैन आता है जो आलराउंडर होता है।
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शो में कैफ ने बताया कि इस मैच के दौरान कप्तान सौरव गांगुली और कोच जॉन राइट के बीच संबंध काफी घनिष्ठ थे। अगरकर ने बताया कि गांगुली शांत रहते थे, लेकिन जॉन राइट बहुत बोलते थे। वह अक्सर हाइपर रहते थे और इसकी वजह से माहौल काफी टेंस्ड था। वह अपने कंप्यूटर पर रैंडमली कुछ लिखते रहते थे।
राहुल द्रविण ने कहा कि टीम में विरेंदर सहवाग ऐसे खिलाड़ी थे, जो बिल्कुल निश्चिंत रहते थे। कुछ भी हो रहा हो, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता था।
इस मैच में 146 रन पर भारत के पांच विकेट गिर चुके थे। टीम इंडिया के बड़े खिलाड़ी आउट हो चुके थे। इसके बाद यह माना जा रहा था कि इंग्लैंड अब मैच जीत जाएगा। लेकिन छठे और सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे युवा और टीम में काफी नये खिलाड़ी युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ वह पारी खेली, जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की। दोनों बल्लेबाजों ने 121 रनों की साझेदारी कर भारत को संकट से उबार लिया।
युवराज ने 9 चौके और एक छ्क्का के साथ 69 रन बनाकर आउट हुए। मोहम्मद कैफ ने 87 रनों की नाबाद पारी खेलते हुए टीम इंडिया को खिताबी जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनको मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया।