Monty Panesar: भारतीय मूल के ब्रिटिश खिलाड़ी मोंटी पनेसर उर्फ मधुसूदन सिंह पनेसर (Madhusudan Singh Panesar) को शुरू में क्रिकेट में कोई रुचि नहीं थी। उन्हें क्रिकेट के नाम से ही उलझन होने लगती थी। वे पंजाबी हैं और पंजाबी खाना खाना पसंद करते थे। इससे बचपन में उनका वजन काफी बढ़ गया था। यूट्यूब चैनल पॉडकॉस्ट कर्ली टेल्स की हॉस्ट कामिया जानी के साथ बातचीत में उन्होंने अपने जीवन की दिशा बदल देने वाला एक किस्सा सुनाया।
Monty Panesar: जिम में जाकर पसीना बहाना ज्यादा अच्छा लगता था
मोंटी बोले- एक दिन उनके पिता ने उनसे कहा कि अपना वजन कम करो। हर रविवार को मैदान में जाकर क्रिकेट खेलने की ट्रेनिंग लो। लेकिन मोंटी को यह सलाह पसंद नहीं आ रही थी। इसके बजाय उन्हें जिम में जाकर पसीना बहाना ज्यादा अच्छा लग रहा था।
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मोंटी पिता की बात काटना भी नहीं चाहते थे, इसलिये वे मजबूरी ही समझकर वहां जाना शुरू कर दिये। मैदान में कोच से ट्रेनिंग लेने लगे। काफी समय तक उनकी देखरेख में खेलने के बाद धीरे-धीरे मोंटी को यह समझ आई कि पिता ने उनमें कुछ ऐसी चीज देखी होगी तभी वहां भेजा होगा। शुरू-शुरू में मोंटी पाकिस्तान के आलराउंडर वसीम अकरम की सीमर गेंदबाजी को देखकर बहुत प्रभावित हुए। वे खुद भी लेफ्ट आर्म सीमर बनने को सोचना शुरू कर दिये थे।
एक दिन वहां खेल रहे नॉर्थेंट्स (नॉर्थम्पटनशायर – Northamptonshire) के सीनियर प्लेयर पॉल टेलर (Paul Taylor) ने उनसे कहा कि तुम्हारी अंगुलियां बड़ी हैं और कंधे चौड़े हैं। तुम लेफ्ट आर्म सीमर की बजाए लेफ्ट ऑर्म स्पिनर बनोगे।
उस समय मोंटी की उम्र करीब 15 वर्ष रही होगी। वहां एक मैच में उन्होंने 35 रन देकर 7 विकेट ले लिये। यह उस समय बड़ी बात थी। वे पॉल टेलर के पास गये तो उन्होंने उनसे कहा कि तुम्हें लेफ्ट ऑर्म स्पिनर बॉल करो। तुम्हें वही बनना चाहिए। तुम अच्छा खेल रहे हो।
मोंटी ने कहा कि एक बार शाहरूख खान ने कहा था कि प्रतिभा आपको बहुत आगे ले जाती है। सही वक्त पर सही जगह सही लोगों से मिलने से आगे रास्ता दिखता है। पॉल टेलर ने सही रास्ता दिखाया। मोंटी ने कहा कि पॉल टेलर उनके लिए क्रिकेट के मसीहा साबित हुए। वे बोले कि पिता ने क्रिकेट खेलने के लिए न कहा होता तो उनकी पॉल टेलर से मुलाकात नहीं होती।