अंग्रेजी में हाथ तंग होने की वजह से कई क्रिकेटर्स कई बार मुसीबत में फंस गए हैं और किस्सा बन गया है। ऐसे कई किस्से आम हैं। एक ऐसा ही किस्सा टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद कैफ (Mohammad Kaif) का भी है। बात 1996 की है। तब वह अंडर 15 वर्ल्ड कप खेलने इंग्लैंड गए थे। उन्हें एक होटल में ठहराया गया था। वह कमरे से बाहर कहीं गए थे और जब लौटे तो रिसेप्शन पर कमरे की चाबी लेने गए।
रिसेप्शन पर बैठी महिला से कैफ ने कहा- की (key)। कैफ ने समझा इतने से काम चल जाएगा। पर चला नहीं। महिला ने बताया कि बोलिए- May I have key please! कैफ बोले- key please! महिला ने इस बार भी उन्हें कमरे की चाबी नहीं दी और पूरा वाक्य बोलने के लिए कहा। कैफ के लिए पूरा वाक्य अंग्रेजी में बोलना संभव नहीं हो पा रहा था। वह चाबी लिए बिना ऊपर चले आए और किसी साथी को (जिनकी अंग्रेजी थोड़ी अच्छी थी) रिसेप्शन से कमरे की चाबी लाने के लिए कहा।
ये तो विदेश की बात हुई। अपने मुल्क में भी कैफ को अंग्रेजी नहीं आने के चलते मुश्किल झेलनी पड़ी। 1998 में जब वह वर्ल्ड कप में खेल रहे थे तो श्रीकांत (तमिलनाडु के पूर्व क्रिकेटर) उनके कोच थे। उन्हें हिंंदी नहीं आती थी और इन्हें अंग्रेजी नहीं आती थी। जो लोकल क्रिकेटर्स थे वे तो तमिल में श्रीकांत से बात कर लिया करते थे, बाकी अंग्रेजी में करते थे, पर कैफ को उनसे बात करते बनता ही नहीं था। इस पर उन्होंने एक अलग ही रास्ता निकाला। बात कुछ भी हो कैफ बस तीन शब्द बोल देते थे- इन्ना पोड़े सांगेला। बिना यह जाने कि इन तीन शब्दों का क्या मतलब है या वास्तव में ये शब्द हैं भी कि नहीं।
टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह भी अंग्रेजी में कमजोर थे। जब पहली बार सेलेक्ट हुए थे तो वह बोर्ड प्रेसिडेंट का मैच खेल कर आए थे और मोहाली में मुंबई बनाम पंजाब का मैच देखने गए थे। इस मैच में जब लंच हुआ तो सारे पत्रकार हरभजन की ओर आ गए। शायद यह सोच कर कि लड़का बोर्ड प्रेसिडेंट खेल कर आया है और अब इंटरनैशनल खेलने जा रहा है। एक अंग्रेजी अखबार के पत्रकार ने हरभजन से पूछ लिया- Have you done your graduation? हरभजन के दिमाग में जाने का था तो उन्होंने ‘ग्रेजुएशन’ को समझ लिया ‘रिजर्वेशन’ और जवाब दिया- हां, रिजर्वेशन हो गया है। पत्रकार ने अपना सवाल दोहराया तो हरभजन की समझ में नहीं आया तो वह खाना खाने का बहाना बना कर वहां से चले गए।