मिस्बाह उल हक का साथ मिला तो जिंदगी बदल गई, पाकिस्तानी ऑलराउंडर मोहम्मद हाफिज ने सुनाया अपना किस्सा
पाकिस्तान के क्रिकेटर मोहम्मद हाफिज (Mohammad Hafeez) ने जब अंडर-19 क्रिकेट खेली और वहां पर अच्छा परफार्म किया तो उनको क्रिकेट में थोड़ी उम्मीद दिखा। उन्होंने जावेद मियांदाद और बासित अली का रिकार्ड तोड़ा। तब उत्साह था और जोश भी था। हाफिज ने तय किया कि वह आलराउंडर बनेंगे। और उन्होंने ओपनर के तौर पर बैटिंग शुरू की और साथ ही अच्छी स्पिन गेंदबाजी भी करनी शुरू कर दी।
हाफिज ने बताया कि वे लगातार खुद को रीइन्वेंट कर रहे थे। खुद को लगातार अपग्रेड कर रहे थे। कैरियर में इसे वे बहुत जरूरी मानते हैं। हाफिज के मुताबिक वे अंडर-19 के बाद सरगोधा से प्रथम श्रेणी मैच खेले, लेकिन ज्यादा अच्छा नहीं कर सके, क्योंकि हाफिज नये नये थे और दूसरी तरफ अनुभवी और बेहतरीन खिलाड़ी थे। लेकिन वे अपने को लगातार सुधारने में लगे रहे। उन्हें धीरे-धीरे क्रिकेट का जुनून होने लगा। वह एक चैलेंज पहले ही स्वीकार कर चुके थे क्रिकेट में स्टार बनके दिखाएंगे। वे ऑफ स्पिनर और बैटिंग दोनों में अपने को बेहतर करने में लगे रहे।
हाफिज बताते है कि उनको उनके दोस्त मिस्बाह उल हक़ (Misbah-ul-Haq) का बड़ा सपोर्ट मिला। मिस्बाह उल हक मियांवाली से आते थे और हाफिज लाहौर से थे। उन दोनों को सरगोधा में इसलिए नहीं पसंद किया जाता था, क्योंकि एक तो वे दोनों सरगोधा के थे नहीं और दूसरे वे उनकी कम्यूनिटी से अलग थे।
इसके अलावा कोई क्लब क्रिकेट भी नहीं खेले थे। ऐसे में मिस्बाह उल हक और हाफिज ने तय किया कि वे एक दूसरे की मदद करेंगे। दोनों लोग समय से काफी पहले आते थे और समय के काफी बाद जाते थे। इससे ये होता था कि दोनों लोग आपस में एक दूसरे को बॉलिंग कराने और बैटिंग कराने में मदद करते थे। इससे उनकी प्रैक्टिस बेहतर होती और खेल में भी निखार आने लगा था।
वैसे मिस्बाह पहले से सोच कर आए थे कि उनको क्रिकेटर ही बनना था। वे तेज दिमाग के थे और एमबीए करके इस क्षेत्र में आए थे। जबकि हाफिज ने कभी नहीं सोचा था कि वे एक दिन पाकिस्तान के लिए खेलेंगे। मिस्बाह उम्र में भी हाफिज से ज्यादा बड़े थे। मिस्बाह उस वक्त करीब 26 साल के थे, जबकि हाफिज 19 साल के थे।
इसके बाद वे दोनों खेलते रहे और एक टाइम ऐसा आया कि उनको इंग्लैंड जाने का अवसर मिला। हाफिज कहते है मिस्बाह का साथ मिलने के बाद जिंदगी बदल गई और फिर आगे ही बढ़ते रहे।