पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज प्रभाकर 1990 के दशक में खेला करते थे। हालांकि उनका कैरियर बहुत अच्छा नहीं रहा। 1999 में हुए चर्चित मैच फिक्सिंग कांड में उनका भी नाम था। इसकी वजह से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने उन पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। प्रभाकर अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को गलत बताते रहे और बाद में उनका प्रतिबंध को लेकर बीसीसीआई के साथ कानूनी विवाद शुरू हो गया था।
2005 में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन पर प्रतिबंध हटा दिया, लेकिन बीसीसीआई ने इसके खिलाफ अपील की और प्रतिबंध फिर बहाल हो गया। तब से प्रभाकर संघर्ष कर रहे हैं और अपने कैरियर के नुकसान के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
उनका विवादों से नाता सिर्फ क्रिकेट को लेकर ही नहीं है, बल्कि पारीवारिक भी है। उनकी पहली पत्नी संध्या ने एक बार इसका खुलासा एक अखबार को दिए इंटरव्यू में किया। उन्होंने बताया कि मनोज उन्हें छोड़कर कई साल से अभिनेत्री फरहीन के साथ रह रहे हैं। वे अपने बेटे रोहन और पिता को भी छोड़ दिए हैं।
मनोज प्रभाकर ने संध्या से तलाक होने के बाद फरहीन के साथ शादी कर ली और उनके एक बच्चा भी है। इन सब बातों के बीच सच यह भी है कि मनोज आज की तारीख न तो क्रिकेटर हैं और न ही अब वह वापस लौट पाएंगे। वह अब उम्र दराज हो गये हैं। क्रिकेट की दुनिया से उनका नाता विवादों के साथ ही जुड़ा रहा और मैच फिक्सिंग के दाग से खुद को अलग नहीं कर पाये।
मनोज प्रभाकर भारत में घरेलू क्रिकेट में अपने प्रभावशाली प्रदर्शन के माध्यम से आए। उन्होंने 1982-83 सीज़न में प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया और घरेलू क्रिकेट में दिल्ली और उत्तर प्रदेश की टीमों के लिए खेलने गए। घरेलू क्रिकेट में उनके लगातार प्रदर्शन ने उन्हें 1988 में भारतीय क्रिकेट टीम में जगह दिलाई। उन्होंने 1988 और 1996 के बीच 39 टेस्ट और 130 एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में (ODI) में भारत का प्रतिनिधित्व किया।