Mahendra Singh Dhoni Attitude: भारत जब दूसरी बार विश्व कप प्रतियोगिता जीता तब महेंद्र सिंह धौनी टीम इंडिया के कप्तान थे। सिर्फ विश्व कप ही नहीं, धौनी ने अपने क्रिकेट कैरियर में कई बार भारत की जीत का नेतृत्व किया। उनकी उपलब्धियों का रिकॉर्ड बहुत लंबा है। वे मैदान और मैदान के बाहर बहुत संयत और शांति के साथ रहते हैं।
उनका यह स्वभाव और तनाव नहीं लेने का उनका यह गुण उनको कैप्टन कूल बनाता है। बड़े से बड़े दबाव के दौरान भी वह शांत भाव से हालात से निपटने में लगे रहते हैं। उन्हें आम तौर पर मैदान में कभी गुस्सा नहीं आता है। लेकिन एक बार वे अंपायर के फैसले से नाराज हो गये थे और मैदान छोड़कर चले गये थे।
Mahendra Singh Dhoni Attitude: कैप्टन कूल का वह रवैया उनके स्वभाव के तो विपरीत था
टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज विरेंदर सहवाग ने धौनी की ऐसी ही एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि कैप्टन कूल का वह रवैया उनके स्वभाव के तो विपरीत था ही, वह क्रिकेट के खेल में अंपायर के महत्व को भी घटाने वाला था। विरेंदर ने यह भी कहा कि उसके लिए धौनी को कोई खास सजा नहीं मिली। जबकि होना यह चाहिए था कि उनको कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए थी।
वह घटना आईपीएल 2019 की है। वह चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान थे। आईपीएल 2019 के 25वे मैच के दौरान धौनी ने नो-बॉल के मामले पर गुस्से में मैदान छोड़ने का निर्णय किया था। यह मुकाबला चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच खेला जा रहा था। नो-बॉल पर एक अतिरिक्त रन और उस पर फ्री हिट से सीएसके के कप्तान धोनी अपसेट हो गए थे।
असल में वेस्ट हाइट की एक गेंद को लेग अंपायर ने नो-बॉल नहीं माना था, जबकि टीवी अंपायर ने उसे नो-बॉल करार दिया था। इसके बाद धौनी का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और वे मैदान से बाहर चले गये।
वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि यह घटना गंभीर थी। इस पर एक्शन नहीं लिये जाने से यह संदेश गया कि अंपायर कम महत्वपूर्ण है और कप्तान ज्यादा महत्वपूर्ण है। विरेंदर की नजर में इस घटना के लिए धौनी को बैन किया जाना चाहिए था।