Mahendra Singh Dhoni: 2011 के ऐतिहासिक वर्ल्ड कप को भला कौन भूल सकता है, जब 28 सालों बाद महेंद्र सिंह धोनी ने भारत को शानदार जीत दिलाई थी। पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) की कप्तानी में मिली ये जीत मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के लिए भी काफी अहम थी क्योंकि वो 20 साल से इस ट्रॉफी का इंतजार कर रहे थे और ये उनका आखिरी वर्ल्ड कप भी था।
Mahendra Singh Dhoni: स्टेडियम में शुरु हुआ वंदे मातरम और माही हो गए इमोशनल
इस वर्ल्ड कप के फाइनल मैच के आखिरी लम्हों को Mahendra Singh Dhoni कभी नहीं भूल सकते हैं और जब भी याद करते हैं भावुक हो जाते हैं। पूर्व कप्तान ने अप्रैल में चेन्नई के एक कार्यक्रम के दौरान विश्व कप 2011 जीत के एक स्पेशल मोमेंट को शेयर किया था। Mahendra Singh Dhoni ने बताया था कि कि वो उस समय काफी भावुक हो गए थे जब जीत से 10 से 15 मिनट पहले ही स्टेडियम में मौजूद लोगों ने वंदे मातरम जोर-जोर से गाना शुरु कर दिया था।
वर्ल्ड कप 2011 का फाइनल मुकाबला मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत और श्रीलंका के बीच था। श्रीलंका ने भारत को जीत के लिए 275 रनों का बड़ा टारगेट दिया था। इससे पहले वर्ल्ड कप में इतना बड़ा लक्ष्य किसी टीम ने नहीं दिया था। कैप्टन कूल की टीम पर प्रेशर काफी बढ़ गया था क्योंकि भारत के दो अहम विकेट बहुत जल्द पवेलियन लौट गए थे।
लेकिन इसके बाद जब Mahendra Singh Dhoni नंबर-4 पर बैटिंग करने आए तो उन्होंने श्रीलंका की टीम के छक्के छुड़ा दिए और छक्का जड़ कर टीम को शानदार जीत भी दिला दी थी लेकिन Mahendra Singh Dhoni के लिए इस महामुकाबले का सबसे यादगार पल मैच फिनिश होने के 10 से 15 मिनट पहले का था।
Mahendra Singh Dhoni ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था- ‘’मेरे लिए सबसे अच्छा अहसास मैच से 10-15 मिनट पहले का था, जब मैं और युवराज सिंह बैटिंग कर रहे थे और अचानक स्टेडियम मे ऑडियंस ने वंदे मातरम गाना शुरु कर दिया था। मैं इस यादगार पल को कभी नहीं भूल पाऊंगा।‘’